टोरंटो, 19 फरवरी . कनाडा में साउथ एशियन व्यापारियों से जबरन वसूली के आरोप में भारतीय मूल के नागरिक को गिरफ्तार कर लिया गया है. अपनी गिरफ्तारी के बाद आरोपी ने खुद को निर्दोष बताया और कहा कि पुलिस मुझे गलत तरीके से एक बड़े गैंगस्टर के रूप में प्रस्तुत करने की कोशिश कर रही है.
बता दें कि अरुणदीप थिंड उन पांच पंजाबी मूल के लोगों में शामिल है, जिन्हें 8 फरवरी को पील क्षेत्रीय पुलिस की जबरन वसूली टास्कफोर्स ने गिरफ्तार किया था.
हालांकि, अरुणदीप दो सप्ताह जेल में बिताने के बाद अब जमानत पर रिहा है. जेल से बाहर आने के बाद उसने कनाडाई मीडिया से कहा कि वो गुनाहगार नहीं है.
सीटीवी न्यूज को दिए इंटरव्यू में थिंड ने कहा, ”मेरा परिवार है. मेरे बच्चे हैं. मेरे बच्चे बार-बार कह रहे हैं कि मेरे पिता अपराधी नहीं हैं. लेकिन, आप लोगों ने मुझे एक अपराधी के रूप में चित्रित करने का प्रयास किया.”
वहीं, कनाडा में पिछले कई दिनों से भारतीय मूल के नागरिकों और साउथ एशियन व्यापारियों के साथ जबरदस्ती वसूली के बढ़ते मामलों को ध्यान में रखते हुए थिंड ने इंटरव्यू में बातचीत के दौरान कहा, ”मैं कभी-भी इस तरह के संगठित अपराधों का हिस्सा नहीं रहा हूं. मेरा इन सबसे कोई लेना-देना नहीं है.”
थिंड ने इस बात पर जोर देकर कहा कि वो इन सबका पीड़ित रहा है. थिंड ने कहा कि बीते दिनों उसके एक दोस्त, जो कि ब्रैंपटन में एक रेस्टोरेंट का संचालक है. उसे भी कुछ लोगों ने फोन किया था और पैसे देने की धमकी दी थी.
थिंड ने समाचार चैनल को बताया कि उन्होंने उस व्यक्ति से फोन पर बात की जिसने उन्हें कार डीलरशिप पर जाकर उनकी ओर से जबरन वसूली का अनुरोध करने के लिए मजबूर किया.
डीलरशिप पर उन्होंने बस कार कंपनी के मालिक को एक फोन सौंप दिया.
थिंड ने कहा, ”मैंने उनसे कहा कि मेरा इससे कोई लेना-देना नहीं है. आप खुद आपस में इस बार में बात करो और इन सबसे दूर ही रखो.”
थिंड ने कहा, ”इसके बाद पुलिस ने मुझे गिरफ्तार कर लिया.”
इसके बाद थिंड से उसकी उस तस्वीर के बारे में सवाल किया गया, जिसमें वो अपने हाथों में बंदूक लिया हुआ नजर आ रहा था. थिंड से जब इस बारे में सवाल किया गया, तो उसने स्पष्ट कह दिया कि वो तस्वीर आज की नहीं, बल्कि बहुत साल पुरानी है और उस तस्वीर में दिख रही बंदूक भी नकली है. यह तस्वीर उन दिनों की है, जब एक म्यूजिक गाने की शूटिंग की जा रही थी.
थिंंड ने कहा कि वो कभी-भी इस देश में किसी भी प्रकार के संगठित अपराध का हिस्सा नहीं रहा है.
थिंड ने कहा कि पुलिस मुझे गलत तरीके से एक बड़े अपराधी के रूप में चितित्र करने की कोशिश कर रही है.
इसके अलावा, थिंड ने कहा कि वह पील पुलिस द्वारा आरोपित अन्य चार लोगों, अर्थात् गगन अजीत सिंह, अनमोलदीप सिंह, हशमीत कौर और ल्यमनजोत कौर से नहीं मिले हैं और उनका उनसे कोई संबंध नहीं है.
थिंड पर अभी भी अदालत में मुकदमा चलाया जाना बाकी है, ब्रैम्पटन सिटी काउंसिलर गुरपरताप सिंह तूर ने सीटीवी को बताया कि थिंड की रिहाई उनके समुदाय के लिए ठीक नहीं है.
पील क्षेत्रीय पुलिस (पीआरपी) प्रमुख निशान दुरईअप्पा ने एक बयान में कहा था कि इन अपराधों में “लोगों का एक जटिल पारिस्थितिकी तंत्र शामिल है”.
पीआरपी के टास्कफोर्स ने कहा कि वर्तमान में जबरन वसूली के 29 मामलों की जांच चल रही है और इनमें से नौ घटनाओं में स्थानीय व्यवसायों पर गोलीबारी शामिल है, इसमें कई गोलियां चलाई गई हैं.
लक्षित किए जा रहे व्यवसाय दक्षिण एशियाई स्वामित्व वाले रेस्तरां, बेकरी, ट्रकिंग और परिवहन कंपनियां, स्वतंत्र प्रयुक्त कार डीलरशिप और आभूषण स्टोर हैं.
उनकी कार्यप्रणाली के बारे में पुलिस ने कहा कि पीड़ितों से फोन या सोशल मीडिया के माध्यम से संपर्क किया जाता है और नकद भुगतान करने या भारतीय या कनाडाई मुद्रा में धन हस्तांतरित करने की धमकी दी जाती है.
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एसएचके/