एआई के मामले में भारत पूरे विश्व का नेतृत्व कर रहा : रिपोर्ट

नई दिल्ली, 13 फरवरी . एक गूगल रिपोर्ट मंगलवार को जारी की गई, जिसके मुताबिक, मौजूदा वक्त में एआई के मामले में भारत पूरे विश्व का नेतृत्व कर रहा है. वहीं, आगामी पांच सालों में 82 फीसद लोग इससे लाभान्वित होंगे.

भारत मेंं 70 फीसद लोगों का स्पष्ट कहना है कि उन्होंने एआई से होने वाले फायदे को व्यक्तिगत रूप से अनुभव किया है और वो सूचना को प्राप्त करने की दिशा में इसे एक सशक्त माध्यम के रूप में देखते हैं.

गूगल इंडिया के कंट्री हेड और वाइस प्रेसिडेंट, संजय गुप्ता ने कहा, “भारत की डिजिटल सफलता – इसके संस्थानों, उद्यमों और इसके लोगों की तकनीकी अग्रता द्वारा संचालित – इसे एआई द्वारा दुनिया भर में सक्षम किए जा रहे विवर्तनिक बदलावों का लाभ उठाने में अग्रणी शुरुआत प्रदान करती है.”

गुप्ता ने कहा, “हम अपने भारत-प्रथम दृष्टिकोण के साथ इस अपार आत्मविश्वास को प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं. अपने एआई नेतृत्व के प्रभाव को व्यापक बनाने के लिए सरकार और पारिस्थितिकी तंत्र के साथ अपनी साझेदारी को गहरा करते हुए यह सुनिश्चित करते हैं कि हर नया नवाचार व्यक्ति और देश की आकांक्षाओं को पूरा करता है.”

जब एआई के साथ भविष्य के बारे में पूछा गया, तो सकारात्मक अल्पकालिक प्रभाव की उम्मीद करने वालों में से लगभग दोगुने लोगों ने संकेत दिया कि एआई अगले 25 वर्षों में विकास के पूरे स्पेक्ट्रम को संबोधित करेगा.

लगभग 20 प्रतिशत भारतीयों ने प्रतिस्पर्धा, नवाचार और विकास को प्रोत्साहित करके अर्थव्यवस्था के निर्माण को सरकार की सर्वोच्च एआई प्राथमिकता बताया.

इसके अलावा, भारतीयों ने महसूस किया कि एआई का अनुप्रयोग स्वास्थ्य, सुरक्षा और जलवायु में महत्वपूर्ण होगा, लेकिन व्यक्तिगत शिक्षा, बेहतर पहुंच और अंतरिक्ष अन्वेषण में भी उतना ही महत्वपूर्ण होगा.

वैश्विक औसत 65 प्रतिशत से कहीं अधिक, 95 प्रतिशत भारतीयों ने अपने कार्यस्थलों में एआई के बारे में बात की.

रिपोर्ट के अनुसार, जिन लोगों ने महसूस किया कि एआई अगले पांच वर्षों में नौकरियों और उद्योगों के लिए पारिस्थितिकी तंत्र-व्यापी परिवर्तन लाएगा. वह “एक अच्छी बात” होगी, जो भारत में सबसे अधिक 75 प्रतिशत था.

इप्सोस के सीईओ बेन पेज ने कहा, “दुनिया भर में लोग कई चुनौतियों से जूझ रहे हैं, इसलिए इस समय मौजूद महान संभावनाओं के बारे में जागरूक होना भी महत्वपूर्ण है.”

एसएचके/एबीएम