डिजिटल लेनदेन के प्रमाणीकरण के लिए नए ढांचे की योजना बना रहा आरबीआई

मुंबई, 8 फरवरी . आरबीआई ने गुरुवार को कहा कि उसने डिजिटल भुगतान लेनदेन के प्रमाणीकरण के लिए एक नया ढांचा लाने और आधार सक्षम भुगतान प्रणाली (एईपीएस) की सुरक्षा बढ़ाने के लिए अतिरिक्त मानदंड तैयार करने का फैसला किया है.

रिज़र्व बैंक ने कुछ वर्षों में डिजिटल भुगतान की सुरक्षा को प्राथमिकता दी है, विशेष रूप से प्रमाणीकरण के अतिरिक्त कारक (एएफए) की आवश्यकता को. लेकिन कोई विशेष एएफए निर्धारित नहीं किया है. भुगतान पारिस्थितिकी तंत्र ने बड़े पैमाने पर एसएमएस-आधारित वन टाइम पासवर्ड (ओटीपी) को अपनाया है. प्रौद्योगिकी में नवाचारों के साथ, हाल के वर्षों में वैकल्पिक प्रमाणीकरण तंत्र उभरे हैं.

आरबीआई ने कहा,“डिजिटल सुरक्षा के लिए ऐसे तंत्रों के उपयोग को सुविधाजनक बनाने के लिए, एक सिद्धांत-आधारित ‘डिजिटल भुगतान लेनदेन के प्रमाणीकरण के लिए रूपरेखा’ अपनाने का प्रस्ताव है. इस संबंध में निर्देश अलग से जारी किए जाएंगे.”

एईपीएस लेनदेन की सुरक्षा बढ़ाने के लिए, बैंकों द्वारा पालन की जाने वाली एईपीएस टचपॉइंट ऑपरेटरों के लिए अनिवार्य उचित परिश्रम सहित ऑनबोर्डिंग प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करने का प्रस्ताव है. अतिरिक्त धोखाधड़ी जोखिम प्रबंधन आवश्यकताओं पर भी विचार किया जाएगा. आरबीआई ने कहा कि इस संबंध में निर्देश शीघ्र ही जारी किए जाएंगे.

एनपीसीआई द्वारा संचालित आधार सक्षम भुगतान प्रणाली, ग्राहकों को सहायता प्राप्त मोड में डिजिटल भुगतान लेनदेन करने में सक्षम बनाती है.

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