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New Delhi, 23 नवंबर . आमतौर पर लोगों के बीच धारणा होती है कि रक्त चाप का कम होना, यानी लो बीपी की तुलना में हाई बीपी ज्यादा खतरनाक होता है. हाई बीपी में ब्रेन स्ट्रोक और हार्ट अटैक की संभावना ज्यादा होती है, लेकिन लो बीपी भी उतना ही खतरनाक होता है जितना कि हाई बीपी.
लो बीपी की ज्यादा परेशानी दिमाग और हृदय तक के रक्त प्रवाह को बाधित करती है और शरीर में कई बीमारियों को जन्म भी देती है.
लो बीपी की समस्या आजकल युवाओं में भी देखी जा रही है और उसके पीछे का कारण है खराब जीवनशैली. इसके अलावा, लो बीपी लंबे समय तक उपवास रखने, दवाओं के प्रभाव से, शरीर में पानी की कमी से, थकान, तनाव या अधिक गर्मी लगने से और थायराइड, हृदय या हार्मोनल असंतुलन की वजह से भी हो सकता है. लो बीपी को अच्छी जीवनशैली और कुछ घरेलू तरीकों से मेंटेन किया जा सकता है.
अगर चक्कर आना और थकान ज्यादा महसूस हो रही है तो बीपी भी लो हो सकता है. इसके लिए कई बार लोग 1 गिलास पानी में चुटकी भर सेंधा नमक डालकर लेते हैं. नमक से रक्त में सोडियम बढ़ता है, जो सीधा मस्तिष्क तक पहुंचकर रक्त के प्रवाह को बढ़ाता है. इसके अलावा, सौंफ और मिश्री का सेवन भी लाभकारी होता है. सौंफ और मिश्री का रोजाना सेवन शरीर की ऊर्जा बढ़ाता है और पाचन को भी सही रखता है. ये पेट में बनने वाले एसिड को भी कंट्रोल करता है.
सुबह खाली पेट 10-12 किशमिश पानी का सेवन करना भी लो बीपी की समस्या से राहत देता है. इसके लिए रात के समय 10-12 किशमिश को पानी में भिगो दीजिए और सुबह खाली पेट सेवन करें. लो बीपी में मुनक्का और बादाम भी राहत देते हैं. रात को मुनक्के और बादाम को पानी में भिगोकर रखा जा सकता है, जिससे सुबह उनका सेवन किया जा सके.
इसके साथ ही दालचीनी, अदरक, तुलसी के पत्ते और शहद का सेवन भी लो बीपी में राहत देता है. आमतौर पर सर्दियों में रक्त के गाढ़ा होने की संभावना गर्मियों की तुलना में ज्यादा रहती है.
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पीएस/एएस