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New Delhi, 4 नवंबर . बरसात के मौसम के बाद से ही डेंगू की शुरुआत हो जाती है, और अक्टूबर-नवंबर तक डेंगू बच्चों से लेकर बड़ों तक को संक्रमित करता है.
डेंगू मादा एडीज मच्छर के काटने से होता है और शरीर में तेज बुखार, जोड़ों में तेज दर्द, उल्टी और त्वचा पर चकत्ते निकलना और आंखों के पीछे दर्द जैसे कई लक्षण दिखते हैं, लेकिन कुछ तरीकों से डेंगू के बुखार से बचाव किया जा सकता है.
खुद को मच्छरों से बचाने के लिए कपूर और नारियल के तेल को आंच पर हल्का गर्म कर लें और एक मिश्रण तैयार कर लें. इसे ठंडा होने पर अपने हाथ-पैरों पर लगाएं, जहां मच्छर काटने की संभावना ज्यादा होती है. इस मिश्रण से शरीर पर एक परत तैयार हो जाएगी, जिसकी महक से मच्छर पास नहीं आते. कपूर की महक मच्छरों को पसंद नहीं है. इसका इस्तेमाल बड़ों से लेकर बच्चों तक पर किया जा सकता है.
अगर किसी को डेंगू हो गया है, तो मुंह में छोटी इलायची रखना अच्छा होता है. हरी इलायची में एंटीऑक्सिडेंट और सूजन-रोधी गुण होते हैं, जो रक्त को शुद्ध करने का काम करते हैं. इसके लिए मुंह के अंदर दोनों तरफ इलायची को रखें लेकिन उसे निगलें नहीं, बस चूसते रहें. इससे बुखार में आराम मिलेगा और प्लेटलेट्स भी बराबर रहेंगे.
इसके साथ ही पपीते के पत्तों का रस भी शामिल कर सकते हैं. डेंगू होने पर सबसे ज्यादा कमी प्लेटलेट्स में आती है और सही संख्या में प्लेटलेट्स को बनाए रखने के लिए पपीते के पत्तों को उबाल कर काढ़ा बनाकर लेना चाहिए. इससे प्लेटलेट्स की संख्या सामान्य रहेगी. इसके साथ ही गिलोय का रस और धनिए का पानी भी लिया जा सकता है.
डेंगू हो जाने पर आहार में भी परिवर्तन लाना चाहिए. इसके लिए सूप, मूंग दाल का दलिया, नारियल पानी, नींबू पानी और शहद जैसी चीजों का सेवन करना चाहिए. डेंगू हो जाने के बाद शरीर में बहुत कमजोरी हो जाती है. घुटनों का दर्द और जोड़ों का दर्द परेशान करने लगता है. ऐसे में दर्द से राहत पाने के लिए हल्दी के साथ दूध लेना चाहिए. यह शरीर में होने वाले दर्द से राहत देगा.
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पीएस/एबीएम