आतंकवाद विरोधी अभियानों में शामिल रहे लेफ्टिनेंट जनरल वीरेंद्र वत्स बने एनसीसी के महानिदेशक

New Delhi, 1 अक्टूबर . लेफ्टिनेंट जनरल वीरेंद्र वत्स राष्ट्रीय कैडेट कोर के नए महानिदेशक हो गए हैं. अपनी सैन्य सेवा के दौरान उन्होंने आतंकवाद व उग्रवाद के खिलाफ शुरू किए गए अभियान में महत्वपूर्ण भूमिकाओं का निर्वहन किया है. वह जम्मू कश्मीर में भी तैनात रह चुके हैं. उन्होंने Tuesday 01 अक्टूबर को राष्ट्रीय कैडेट कोर (एनसीसी) के महानिदेशक का कार्यभार ग्रहण किया.

लेफ्टिनेंट जनरल वत्स ने लेफ्टिनेंट जनरल गुरबीरपाल सिंह का स्थान लिया. यह दायित्व उन्होंने ऐसे समय में संभाला है जब दुनिया का सबसे बड़ा वर्दीधारी युवा संगठन एनसीसी, 28 राज्यों और 8 केंद्र शासित प्रदेशों में अपने कैडेट बल को बढ़ाकर 20 लाख तक विस्तारित कर रहा है.

रक्षा मंत्रालय का कहना है कि एनसीसी का मूलमंत्र ‘एकता और अनुशासन’ है. अपने इस मूलमंत्र के साथ, एनसीसी अब विकसित India 2047 की दिशा में कदम बढ़ाते हुए नवाचार, डिजिटल कौशल और वैश्विक जागरूकता को चरित्र निर्माण और देशभक्ति की परंपरा के साथ जोड़ रहा है.

लेफ्टिनेंट जनरल वीरेंद्र वत्स को 17 दिसंबर 1988 को भारतीय सेना की 19 कुमाऊं रेजीमेंट में कमीशन मिला था. रक्षा मंत्रालय के मुताबिक 37 वर्षों की अपनी विशिष्ट सैन्य सेवा के दौरान लेफ्टिनेंट जनरल वीरेंद्र वत्स ने आतंकवाद-रोधी और उग्रवाद-रोधी अभियानों में अहम जिम्मेदारियां निभाईं. उन्होंने अरुणाचल प्रदेश, कश्मीर घाटी और सेना मुख्यालय में कई महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया. वे लोकतांत्रिक गणराज्य कांगो में संयुक्त राष्ट्र मिशन के अंतर्गत एक इन्फेंट्री सेना ब्रिगेड की कमान भी संभाल चुके हैं.

इस नियुक्ति से पहले वे डिफेंस सर्विसेज स्टाफ कॉलेज, वेलिंगटन के कमांडेंट थे. वे राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (खड़गवासला), भारतीय सैन्य अकादमी (देहरादून), कॉलेज ऑफ डिफेंस मैनेजमेंट (सिकंदराबाद) और राष्ट्रीय रक्षा कॉलेज (New Delhi) के पूर्व छात्र रहे हैं. व्यापक सैन्य अनुभव और नेतृत्व क्षमता से सम्पन्न लेफ्टिनेंट जनरल वीरेंद्र वत्स से अपेक्षा की जा रही है कि वे एनसीसी को नई ऊर्जा के साथ आगे बढ़ाएंगे और देश के युवाओं को अनुशासित, जिम्मेदार तथा भविष्य-उन्मुख नागरिक बनाने में संगठन की भूमिका को और सशक्त करेंगे.

जीसीबी/एएस