इम्यूनिटी बढ़ाने में मददगार तीन योगासन, रोजाना करें अभ्यास और रखें सेहत का ख्याल

New Delhi, 18 सितंबर . रोजमर्रा की आदतों में शामिल अनहेल्दी खानपान हमारी सेहत को नुकसान पहुंचा रहा है. खासतौर से हमारे शरीर की इम्यूनिटी यानी रोगों से लड़ने की ताकत को प्रभावित कर रहा है. आयुष मंत्रालय इम्यून सिस्टम को मजबूत रखने के लिए संतुलित आहार, पर्याप्त नींद और मानसिक शांति के साथ-साथ नियमित योग करने की सलाह देता है.

योग न सिर्फ शरीर को लचीला और मजबूत बनाता है, बल्कि दिमाग को शांत करके तनाव को भी दूर करता है. जब हम रोजाना योग करते हैं, तो इससे शरीर को ताजगी मिलती है और ऑक्सीजन का प्रवाह बेहतर होता है, जिससे शरीर अंदर से मजबूत होता है. कुछ ऐसे योगासन हैं जो सीधे तौर पर इम्यूनिटी बढ़ाने में मदद करते हैं और हड्डियों और मांसपेशियों को भी मजबूती देते हैं, साथ ही मानसिक तनाव को भी कम करते हैं.

धनुरासन में शरीर की मुद्रा धनुष जैसी बनती है. इसे करने के लिए सबसे पहले पेट के बल लेट जाएं और अपने दोनों पैरों को पीछे की ओर मोड़ें. फिर दोनों हाथों से पैरों को टखनों से पकड़ें. अब सांस भरते हुए धीरे-धीरे सीने और जांघों को ऊपर की ओर उठाएं. इस दौरान आपके चेहरे की दिशा सामने की ओर होनी चाहिए. शरीर धनुष की आकृति में आ जाए, इसका ध्यान रखें. कुछ समय इस मुद्रा में रहें और फिर धीरे-धीरे वापस सामान्य स्थिति में आ जाएं. इस अभ्यास से ना सिर्फ पाचन तंत्र मजबूत होता है बल्कि इम्यून सिस्टम को भी ताकत मिलती है और शरीर में नई ऊर्जा का संचार होता है.

सेतु बंधासन पीठ के बल लेटकर किया जाता है. इसे करने के लिए सबसे पहले पीठ के बल लेट जाएं और अपने घुटनों को मोड़कर पैरों को जमीन पर टिकाएं. हाथों को शरीर के पास सीधा रखें. अब धीरे-धीरे कमर और पीठ को ऊपर की ओर उठाएं ताकि शरीर एक सेतु यानी पुल की तरह दिखाई दे. इस मुद्रा में कुछ सेकंड रुकें और गहरी सांस लें. फिर धीरे-धीरे वापस नीचे आएं. यह आसन खासतौर पर थायराइड के मरीजों के लिए फायदेमंद होता है. साथ ही इससे ब्लड सर्कुलेशन सुधरता है, तनाव कम होता है और इम्यूनिटी बेहतर होती है.

वृक्षासन करने के लिए सबसे पहले सीधे खड़े हो जाएं. अब एक पैर को मोड़कर, उस पैर के तलवे को दूसरे पैर की जांघ पर रखें और बैलेंस बनाएं. फिर दोनों हाथों को ऊपर उठाकर नमस्कार की मुद्रा में जोड़ें. गहरी सांस लेते हुए इस स्थिति में कुछ देर खड़े रहें. फिर धीरे-धीरे सामान्य मुद्रा में आ जाएं और अब यही प्रक्रिया दूसरे पैर के साथ दोहराएं. यह आसन शरीर में संतुलन बनाना सिखाता है, रीढ़ की हड्डी को सीधा करता है और ध्यान केंद्रित करने में मदद करता है. साथ ही यह मानसिक शांति देता है और इम्यूनिटी को बढ़ाने में मदद करता है.

पीके/एबीएम