New Delhi, 18 सितंबर . दांतों पर जमी पीली परत न सिर्फ चेहरे की खूबसूरती को कम करती है, बल्कि आत्मविश्वास पर भी असर डालती है. यही वजह है कि बहुत से लोग खुलकर हंस नहीं पाते, फोटो खिंचवाने से कतराते हैं या फिर महंगे-महंगे टूथपेस्ट और ब्लीचिंग ट्रीटमेंट्स का सहारा लेते हैं.
ऐसे में आयुर्वेद और वैज्ञानिक रिसर्च कुछ बेहद साधारण चीजों को दांतों के लिए किसी वरदान से कम नहीं मानती.
आयुर्वेद में नीम को सदियों से एक प्राकृतिक औषधि के रूप में देखा जाता है. यह मुंह के बैक्टीरिया को खत्म कर दांतों की गंदगी और पीलेपन को दूर करता है.
वहीं, वैज्ञानिक भी इस बात को मानते हैं कि नीम में मौजूद एजाडिरैक्टिन और निमबिन जैसे तत्व मुंह के अंदर हानिकारक बैक्टीरिया को खत्म करने में कारगर होते हैं. अगर हर सुबह नीम की पत्तियां चबाई जाएं या नीम से दातुन किया जाए, तो कुछ ही हफ्तों में आपके दांतों की सफेदी लौट सकती है. इसके साथ ही मुंह की दुर्गंध भी दूर हो सकती है.
दूसरी ओर, पुदीना सिर्फ ताजगी देने वाला पत्ता नहीं, बल्कि दांतों के लिए भी काफी फायदेमंद है. पुदीने में मौजूद मेंथॉल तत्व दांतों की सतह को साफ करने में मदद करता है और बैक्टीरिया को पनपने नहीं देता.
अगर आप हर सुबह बासी मुंह कुछ पुदीने के पत्ते चबाते हैं, तो इससे न सिर्फ मुंह की बदबू कम होती है, बल्कि धीरे-धीरे दांतों का पीलापन भी गायब होने लगता है.
इसी तरह, संतरे के छिलके को अगर हल्के हाथों से दांतों पर रगड़ा जाए, तो उसमें मौजूद साइट्रिक एसिड और विटामिन सी दांतों की सतह पर जमी पीली परत को हटाने में मदद करता है.
आयुर्वेदिक ग्रंथों में अमरूद के पत्तों को पाचन से लेकर दांतों की सेहत तक के लिए फायदेमंद माना गया है. इन पत्तों में मौजूद प्राकृतिक एंटीऑक्सीडेंट्स और एंटीबैक्टीरियल गुण दांतों की गंदगी को हटाने में मदद करते हैं. अगर आप सुबह उठते ही अमरूद के कुछ ताजे पत्ते चबाएं, तो यह दांतों की सफाई में सहायक हो सकते हैं और धीरे-धीरे दांतों की चमक वापस लौट सकती है.
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पीके/एबीएम