नई दिल्ली, 12 दिसंबर . ग्रामीण भारत में मोबाइल नेटवर्क कवरेज लगभग 97 प्रतिशत तक पहुंच गई है और 6,44,131 गांवों में से लगभग 6,22,840 गांवों में मोबाइल कवरेज है और इनमें से 6,14,564 (95 प्रतिशत) गांव 4 जी मोबाइल कनेक्टिविटी से जुड़े हुए हैं. यह जानकारी सरकार द्वारा गुरुवार को संसद में दी गई.
संचार और ग्रामीण विकास राज्य मंत्री डॉ चंद्रशेखर पेम्मासानी ने राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में कहा कि प्रधानमंत्री जनजातीय आदिवासी न्याय महा अभियान (पीएम जनमन) के तहत 4,543 विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूह (पीवीटीजी) बस्तियों को मोबाइल कनेक्टिविटी के रूप में पहचाना गया था और इनमें से 1,136 पीवीटीजी बस्तियों को मोबाइल कनेक्टिविटी के साथ कवर किया गया है.
31 अक्टूबर तक डिजिटल भारत निधि द्वारा फंड की हुई विभिन्न मोबाइल परियोजनाओं के तहत 1,018 मोबाइल टावरों को मंजूरी दी गई है, जिससे पीवीटीजी बस्तियों को 4जी कवरेज प्रदान किया जा सके. इस पर 1,014 करोड़ रुपये का व्यय होने के अनुमान है.
मंत्री ने कहा, “सरकार पीवीटीजी बस्तियों सहित देश के ग्रामीण, दूरदराज और पहाड़ी क्षेत्रों में मोबाइल टावरों की स्थापना के माध्यम से दूरसंचार कनेक्टिविटी के विस्तार के लिए डिजिटल भारत निधि के तहत विभिन्न योजनाओं को लागू कर रही है.”
मंत्रालय ने जानकारी दी कि 31 अक्टूबर तक देश के 783 जिलों में से 779 जिलों में 5जी सेवाएं उपलब्ध हैं. आगे कहा कि देश में 4.6 लाख से ज्यादा 5जी बेस ट्रांसीवर स्टेशन (बीटीएस) लगाए गए हैं.
सरकार ने 5जी सेवाओं के प्रसार के लिए कई पहल की हैं, जिसमें नीलामी के माध्यम से मोबाइल सेवाओं के लिए पर्याप्त स्पेक्ट्रम का आवंटन और वित्तीय सुधार शामिल है.
सरकार ने बताया कि दूरसंचार सेवा प्रदाताओं (टीएसपी) ने देश भर में 5जी सेवाओं का विस्तार किया है और स्पेक्ट्रम नीलामी के लिए आवेदन आमंत्रण नोटिस (एआईए) में निर्धारित न्यूनतम रोलआउट दायित्वों से आगे बढ़ गए हैं.
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