शेख हसीना और अवामी लीग के प्रति ‘घोर घृणा’ रखती है यूनुस सरकार: पूर्व राजनयिक पिनाक रंजन

New Delhi, 17 नवंबर . बांग्लादेश में India के पूर्व उच्चायुक्त पिनाक रंजन चक्रवर्ती ने Monday को बांग्लादेश की पूर्व Prime Minister शेख हसीना की दोषसिद्धि को “Political प्रतिशोध” करार दिया. उन्‍होंने कहा कि ढाका में सत्ता में बैठे सभी लोग वर्तमान में हसीना और अवामी लीग पार्टी के प्रति घृणा रखते हैं.

चक्रवर्ती ने समाचार एजेंसी के साथ साक्षात्कार में कहा कि मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली बांग्लादेश की अंतरिम Government को समर्थन की कमी है और उन्होंने चेतावनी दी कि हसीना के खिलाफ फैसले से बांग्लादेश में और अधिक अशांति फैल सकती है.

जब उनसे पूछा गया कि क्या शेख हसीना को दी गई मौत की सजा निष्पक्ष न्यायिक प्रक्रिया का नतीजा है, तो उन्होंने जवाब दिया कि मुझे लगता है कि यह Political प्रतिशोध है, जो वे काफी समय से कर रहे हैं. ढाका में सत्ता में बैठे लोग कुछ कारणों से शेख हसीना और अवामी लीग से गहरी नफरत रखते हैं. उनमें से एक कारण यह है कि जमात-ए-इस्लामी ने आंदोलन में हिस्सा लिया था और अब Government पर मौत की सजा जैसे कदम उठाने का दबाव बना रही है. उनके अपने नेता, जिन्होंने 1971 में नरसंहार में हिस्सा लिया था और Pakistanी सेना की मदद की थी, इस न्यायाधिकरण द्वारा दोषी ठहराए गए थे और उन्हें फांसी की सजा दी गई थी. यह न्यायाधिकरण, जाहिर है, शेख हसीना द्वारा स्थापित किया गया था.

उन्होंने आगे कहा कि इसलिए वे शेख हसीना पर बदला लेने का आरोप लगाते हैं और अब वे बदला लेना चाहते हैं. छात्रों को भी लगता है कि उन्होंने बहुत ज्‍यादा बल प्रयोग किया. इससे लगभग 1400 लोग मारे गए. इसलिए वे भी बदला लेना चाहते हैं. तीसरा पक्ष जो बदला लेना चाहता है, वह खुद प्रोफेसर यूनुस हैं क्योंकि उन्हें भी कई मुश्किलों का सामना करना पड़ा था. शेख हसीना को लेकर उनके मन में बहुत कड़वाहट थी. शेख हसीना ने उनके खिलाफ कर चोरी, मनी लॉन्ड्रिंग जैसे के कई मामले दर्ज कराए थे या दर्ज कराए थे.

उन्‍होंने आगे कहा कि मुझे लगता है कि यह भी एक कारक है. ये वे लोग हैं जो अब सत्ता में हैं, इसलिए वे सभी ऐसा करने के लिए एक साथ आए हैं और मुझे लगता है कि न्यायपालिका को भी खारिज कर दिया गया है.

पूर्व राजनयिक की यह टिप्पणी बांग्लादेश के अंतर्राष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण (आईसीटी) द्वारा Monday को शेख हसीना को मौत की सजा सुनाए जाने के बाद आई है, जिसमें उन्हें पिछले साल जुलाई में हुए प्रदर्शनों से संबंधित मानवता के खिलाफ अपराधों के आरोपों में दोषी पाया गया था. पूर्व Prime Minister ने आईसीटी में अपने खिलाफ लगाए गए आरोपों का खंडन किया.

बांग्लादेश की वर्तमान Political स्थिति का आकलन करते हुए चक्रवर्ती ने कहा कि मुझे लगता है कि पिछले 17-18 महीनों में हमने देखा है कि एक अंतरिम Government रही है, जिसे जनता का समर्थन नहीं मिला है क्योंकि वह निर्वाचित नहीं है और कुछ लोग इसे असंवैधानिक भी कहते हैं. अब हसीना के खिलाफ फैसला आया है. इससे और अधिक अशांति, हिंसा आदि हो सकती है. लेकिन, बांग्लादेश के लिए हालात ठीक नहीं चल रहे हैं. मुझे लगता है कि Political अस्थिरता अब एक बहुत ही वास्तविक समस्या बनती जा रही है, उन सभी आर्थिक मुद्दों के अलावा जो वहां की स्थिति को बिगाड़ रहे हैं.

उन्होंने यह भी संदेह व्यक्त किया कि बांग्लादेश में फरवरी में होने वाले आगामी चुनाव निष्पक्ष नहीं हो सकते. इसका कारण सत्ता में बैठे लोग सत्ता में बने रहना चाहते हैं और शेख हसीना की अवामी लीग पार्टी, जिसे अभी भी जमीनी स्तर पर समर्थन प्राप्त है, उनके लिए एक बाधा है.

“संकेत यही हैं कि ऐसा नहीं हो सकता क्योंकि आप फैसला देख सकते हैं. मुझे लगता है कि वहां सत्ता में मौजूद ये ताकतें शायद स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव नहीं चाहतीं क्योंकि वे सत्ता हथियाना चाहती हैं. इसमें अवामी लीग उनके लिए एक बाधा है क्योंकि यह सबसे बड़ी पार्टी है और अभी भी जमीनी स्तर पर समर्थन रखती है. अवामी लीग को हटाकर, उनके पास सत्ता हथियाने के बेहतर अवसर हैं.”

मई में, बांग्लादेश की अंतरिम Government ने एक राजपत्र अधिसूचना जारी कर अवामी लीग और उसके सहयोगी संगठनों की सभी गतिविधियों पर प्रतिबंध लगा दिया. यह प्रतिबंध आतंकवाद विरोधी अधिनियम के तहत तब तक लगाया गया है, जब तक कि बांग्लादेश के अंतर्राष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण (आईसीटी) में पार्टी और उसके नेताओं के खिलाफ मुकदमा पूरा नहीं हो जाता.

जब चक्रवर्ती से पूछा गया कि देश की बदलती परिस्थितियों को देखते हुए India को बांग्लादेश के साथ अपने संबंधों को कैसे आगे बढ़ाना चाहिए, तो उन्होंने जवाब दिया कि हम इस मौजूदा Government के साथ बहुत कम व्यवहार कर रहे हैं, क्योंकि एक पड़ोसी होने के नाते हमें ढाका में बैठी Government के साथ रोजमर्रा के कामों के लिए निPatna पड़ता है. लेकिन, हमने उनके साथ कोई बड़ा कदम नहीं उठाया है. क्‍यों कि यह Government ज़्यादा दिन नहीं चलने वाली. यही उम्मीद है, जैसा कि वे कह रहे थे कि हम चुनाव कराएंगे और चले जाएंगे. मुझे नहीं पता कि ऐसा होगा या नहीं, क्योंकि कुछ ताकतें हैं जो चुनाव नहीं चाहतीं. वे चाहते हैं कि व्यवस्था चलती रहे क्योंकि वे इस व्यवस्था के लाभार्थी हैं और उन्हें लगता है कि सत्ता में बने रहने के लिए इस अंतरिम Government को बने रहना चाहिए.

इस बीच, पोलैंड में India के पूर्व राजदूत दीपक वोहरा ने कहा कि आईसीटी द्वारा सुनाए गए फैसले से कोई फर्क नहीं पड़ेगा. उन्‍होंने कहा कि इससे कोई फर्क नहीं पड़ेगा क्योंकि वह (हसीना) पहले से ही हमारे साथ थीं और उनके साथ हमारे संबंध हमेशा बहुत अच्छे रहे हैं. उन्हें जो करना है करने दीजिए.

एएसएच/डीकेपी