नई दिल्ली, 27 दिंसबर . पारिवारिक विवाद के चलते 25 दिसंबर को नई दिल्ली स्थित संसद भवन के पास रेलवे भवन के सामने खुद को आग लगाने वाले बागपत के जितेंद्र की बीती रात मौत हो गई.
घटना के बाद 95 फीसदी तक झुलस चुके जितेंद्र का इलाज नई दिल्ली के राम मनोहर लोहिया अस्पताल में चल रहा था. यहां बीते दो दिन से उसकी हालत में सुधार नहीं हो रहा था. हालत बिगड़ने के बाद बीती रात में जितेंद्र की मौत हो गई.
बता दें कि जीतेंद्र ने 25 दिसंबर को संसद भवन के सामने रेल भवन के पास खुद को आग लगाकर आत्महत्या करने की कोशिश की थी. डॉक्टरों ने बताया कि वह 95 फीसदी तक झुलस गया था.
दिल्ली फायर सर्विस ने बताया था कि उसी दिन दोपहर में बताया गया कि संसद भवन के सामने एक युवक ने आग लगा ली है. इस पर एक गाड़ी युवक को बचाने के लिए मौके पर भेजी गई थी. रेलवे भवन सुरक्षाकर्मियों के साथ अन्य लोगों ने मिलकर कंबल डालकर युवक की आग बुझाई थी, इसके बाद जितेंद्र को राम मनोहर लोहिया अस्पताल में भर्ती कराया गया था.
पुलिस के अनुसार, युवक उत्तर प्रदेश के बागपत का निवासी था. घटनास्थल पर दो पन्नों का अधजला सुसाइड नोट, पेट्रोल, एक जला हुआ बैग और जूता बरामद हुआ था. शुरुआती जांच में पता चला कि पारिवारिक विवादों के कारण जितेंद्र ने आत्महत्या करने की कोशिश की.
जांच में यह भी सामने आया कि जितेंद्र के परिवार का बागपत में एक अन्य परिवार के साथ विवाद चल रहा था, जिसकी वजह से उसके परिवार के कुछ सदस्य जेल में हैं. इन परिस्थितियों से वह बेहद परेशान था.
जितेंद्र शुक्रवार सुबह बागपत से दिल्ली आया और रेलवे भवन के पास एक गार्डन में खुद को आग लगा ली. इसके बाद वो संसद भवन की ओर दौड़ गया था.
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पीएसएम/केआर