आपकी छोटी-छोटी आदतें बढ़ा सकती हैं कोलेस्ट्रॉल, आयुर्वेद से जानें कंट्रोल करने का तरीका

New Delhi, 28 अक्टूबर . कोलेस्ट्रॉल हमारे शरीर के लिए जरूरी तत्व है, क्योंकि यह कोशिकाओं, हार्मोन और विटामिन-डी के निर्माण में मदद करता है. लेकिन, जब इसकी मात्रा जरूरत से ज्यादा बढ़ जाती है, तो यही शरीर के लिए नुकसानदायक बन जाता है. बढ़ा हुआ कोलेस्ट्रॉल हमारी धमनियों में जमा होकर ब्लॉकेज, दिल के रोग और स्ट्रोक का कारण बन सकता है.

आयुर्वेद में कोलेस्ट्रॉल को मेद धातु विकार कहा गया है. जब शरीर में वसा (फैट) बढ़ जाता है और पाचन अग्नि कमजोर हो जाती है, तब यह समस्या होती है.

कोलेस्ट्रॉल बढ़ने के मुख्य कारण तला-भुना और जंक फूड खाना, ज्यादा तेल और घी का सेवन, शारीरिक गतिविधि की कमी, तनाव, धूम्रपान, शराब और नींद की कमी है. उम्र बढ़ने के साथ शरीर की चयापचय क्रिया भी धीमी हो जाती है, जिससे वसा जमा होने लगती है.

आयुर्वेद में इसके लिए कई घरेलू और प्राकृतिक उपाय बताए गए हैं. लहसुन सबसे असरदार नुस्खा है. सुबह खाली पेट 2-3 कच्ची कलियां खाने से ब्लड पतला होता है और खराब कोलेस्ट्रॉल घटता है.

आंवला लिवर को मजबूत करता है और शरीर में फैट जमने से रोकता है. एक चम्मच सूखे आंवले का पाउडर गुनगुने पानी के साथ रोज लें. मेथी दाना भी बहुत फायदेमंद है. एक चम्मच पाउडर सुबह खाली पेट लेने से शरीर में फैट का अवशोषण कम होता है.

इसके अलावा, धनिया के बीज को उबालकर उसका पानी दिन में दो बार पीने से कोलेस्ट्रॉल प्राकृतिक रूप से घटता है. गिलोय और काली मिर्च का पाउडर समान मात्रा में मिलाकर दिन में दो बार लेने से शरीर के टॉक्सिन घटते हैं और लिवर मजबूत होता है.

इसके साथ ही जीवनशैली में बदलाव भी बहुत जरूरी है. रोज कम से कम 30 मिनट टहलना, योग या प्राणायाम करना, तनाव से दूर रहना और पूरी नींद लेना कोलेस्ट्रॉल नियंत्रण में रखता है. धूम्रपान और शराब से बिल्कुल दूर रहें, लिफ्ट की बजाय सीढ़ियां इस्तेमाल करें.

आहार की बात करें, तो अपनी डाइट में ताजे फल, हरी सब्जियां, साबुत अनाज और ओट्स शामिल करें.

अगर कोलेस्ट्रॉल बहुत ज्यादा है, तो कुछ आयुर्वेदिक औषधियां जैसे अरजुन चूर्ण, त्रिफला चूर्ण और योगराज गुग्गुल का सेवन कर सकते हैं.

पीआईएस/एबीएम