यूनुस सरकार का नया हथकंडा, अवामी लीग नेताओं पर कार्रवाई, कई नेता पुलिस रिमांड पर भेजे गए

ढाका, 18 जून . बांग्लादेश में मोहम्मद यूनुस की अंतरिम सरकार ने अवामी लीग के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. अवामी लीग के नेताओं पर सख्त कार्रवाई जारी है, जिसके तहत बुधवार को पार्टी के कई प्रमुख नेताओं को पूछताछ के लिए पुलिस रिमांड पर भेजा गया.

चटगांव के चकोरिया उपजिला से पूर्व सांसद और अवामी लीग के अध्यक्ष जफर आलम को सात अलग-अलग मामलों में 18 दिनों की पुलिस रिमांड पर भेजने का आदेश दिया गया है. यह आदेश जांच अधिकारियों द्वारा दायर याचिकाओं पर सुनवाई के बाद दिया गया.

इस फैसले के विरोध में अवामी लीग के कार्यकर्ताओं ने चकोरिया नगर पालिका के मोगबाजार इलाके में विरोध मार्च निकाला और जफर आलम की गिरफ्तारी को झूठे आरोपों पर आधारित “राजनीतिक उत्पीड़न” करार दिया.

पुलिस निरीक्षक अनवर हुसैन ने बताया कि जफर आलम को भारी सुरक्षा के बीच अदालत लाया गया. सेना, रैपिड एक्शन बटालियन (रैब) और पुलिस ने अदालत के चारों ओर कड़ी सुरक्षा घेराबंदी की थी. बारिश और सख्त सुरक्षा के चलते कोई अव्यवस्था नहीं हुई.

इसके साथ ही, ढाका की एक अदालत ने पूर्व कानून मंत्री अनिसुल हक को पांच दिन की पुलिस रिमांड पर भेजने का आदेश दिया. वहीं, पूर्व लोक निर्माण मंत्री इंजीनियर मोशर्रफ हुसैन को एक अन्य मामले में तीन दिन की रिमांड पर भेजा गया.

अनिसुल हक को अगस्त 2024 में हिंसक विद्रोह के बाद पूर्व अवामी लीग सरकार के पतन के तुरंत बाद गिरफ्तार किया गया था. बाद में मोशर्रफ हुसैन और इंटरनेशनल क्राइम्स ट्रिब्यूनल की पूर्व अभियोजक तुरीन अफरोज को भी गिरफ्तार किया गया.

इसके अलावा, बांग्लादेश पीपुल्स पार्टी (बीपीपी) के अध्यक्ष बाबुल सरदार चाखारी को भी तीन दिन की रिमांड पर भेजा गया है.

पूर्व कानून मंत्री के खिलाफ शाहबाग थाने में दर्ज एक हत्या के मामले में पुलिस द्वारा दी गई अर्जी के आधार पर यह रिमांड दी गई. वहीं, मोशर्रफ हुसैन और बाबुल सरदार चाखारी को हत्या के प्रयास के एक अन्य मामले में अदालत में पेश किया गया, जिसमें पुलिस ने सात दिन की रिमांड मांगी थी, लेकिन अदालत ने तीन दिन की रिमांड ही मंजूर की.

मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार द्वारा पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना, उनके परिजनों और अवामी लीग समर्थकों के खिलाफ कई गिरफ्तारी वारंट जारी किए गए हैं. राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह कार्रवाई एक सुनियोजित राजनीतिक प्रतिशोध का हिस्सा है, जिसमें हसीना और उनके समर्थकों के खिलाफ मनगढ़ंत आरोपों पर मामले दर्ज किए जा रहे हैं.

डीएससी/जीकेटी