जॉब क्रिएटर बनने पर फोकस करें युवा : सीएम योगी

आगरा, 23 फरवरी . मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ उत्तर प्रदेश में निवेश को बढ़ावा देने व निवेश प्रस्तावों को धरातल पर उतारने की योजना पर मंथन करने रविवार को आगरा पहुंचे. दुनिया में अपने नवाचार से डिजिटल अर्थव्यवस्था में लोहा मनवा चुके 100 यूनिकॉर्न रविवार को ताजनगरी में जुटे. होटल अमर विलास में आयोजित यूनिकॉर्न कंपनीज के कॉन्क्लेव को संबोधित करते हुए करते हुए सीएम योगी ने कहा कि उत्तर प्रदेश के युवा जॉब क्रिएटर बनने पर फोकस करें. पहले यूपी में अवसर नहीं थे, लेकिन प्रतियोगी छात्रों ने आइडिया पर काम किया है. जो पहले टेक्नोलॉजी में आगे थे, वह स्टार्टअप में भी आगे हैं. 

उन्होंने कहा कि ग्रोथ इंजन के तौर पर युवाओं ने प्रेरणा के रूप में काम किया है. हर क्षेत्र में बहुत बड़ी उपलब्धि हासिल की जा सकती है. मुख्यमंत्री ने बताया कि 2019 में बुंदेलखंड प्रवास के दौरान पांच महिलाएं मेरे पास आईं. उन्होंने नौकरी की मांग की, किसी ने बताया कि वे पांचवीं पास हैं. इस पर राज्य सरकार ने पहल की. मिल्क प्रोड्यूसर का गठन किया गया, उनकी ट्रेनिंग कराई, फिर कार्य प्रारंभ कराया गया. आप आश्चर्य करेंगे कि उनका टर्नओवर 1500 करोड़ का है और इससे 42 हजार महिलाएं जुड़ी हैं. उससे भी अच्छा कार्य आगरा की मिल्क प्रोड्यूसर कर रही हैं.

सीएम योगी ने कहा कि यूपी केवल कृषि ही नहीं, बल्कि सनातन-ज्ञान और परंपरा की भी भूमि है. यूपी में निवेश को बढ़ावा देने को लेकर यहां कॉन्क्लेव का आयोजन किया गया है. इसमें देशभर के यूनिकॉर्न कंपनी के लोग विचारों का आदान-प्रदान कर रहे हैं. कोई भी यूनिकॉर्न कंपनी बिना निवेशकों के आगे नहीं बढ़ती है. उन्होंने कहा कि विचारों की परंपरा प्राचीन काल से है. वाल्मीकि रामायण का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि इसके लोकप्रिय होने का कारण महर्षि वाल्मीकि की व्यावहारिक समझ थी. रामायण की रचना से पहले उनके मन में श्लोक आ रहा था. वे नारद जी के पास गए, तब नारद जी ने भगवान श्रीराम को आधार रखने की सलाह दी. महर्षि ने ऐसा करके ही रामायण की रचना की. अगर विचारों का आदान-प्रदान नहीं होता तो रामायण नहीं रची जाती. आप लोगों के विचारों का आदान-प्रदान एक नई रामायण की आधारशिला जैसा है.

मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि उत्तर प्रदेश को वन ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी वाला राज्य बनाने के प्रयास चल रहे हैं. स्टार्टअप की संस्कृति को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नया आयाम दिया है. पहले सिस्टम के प्रति विश्वास नहीं था, लेकिन अब वह भी पैदा हुआ है. पीएम ने स्टार्टअप इंडिया, स्टैंडअप इंडिया, मेक इन इंडिया की भावना को आगे बढ़ाया. अब देश में इस दिशा में बहुत अच्छे कदम उठाए गए हैं. भारत सरकार ने इस मुद्दे पर हमेशा लोगों को प्रोत्साहित किया है. आप में से भी बहुत से लोगों ने स्टार्टअप इंडिया से बहुत कुछ सीखा होगा. पीएम मोदी ने जो उस समय युवाओं के बारे में कहा था कि हमारा युवा अब जॉब सीकर नहीं, जॉब क्रिएटर बनेगा. स्टार्टअप इंडिया दुनिया में पहचान बना चुका है.

मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि हमारे देश में अनेक यूनिकॉर्न हैं. उत्तर प्रदेश ने भी काफी कदम उठाए हैं. यूपी में 14 हजार से अधिक स्टार्टअप हैं. सात हजार ऐसे हैं, जो महिलाओं के हैं. इन्होंने जीवन के अलग-अलग फील्ड में कुछ नया करके दिखाया है. उत्तर प्रदेश जैसे राज्य में फिजिक्स वाला यूनिकॉर्न बन गया. तीन वर्ष पहले मुलाकात हुई थी, तब मैंने पूछा था. अवसर पहले भी थे, लेकिन देखते ही देखते यूपी के प्रतियोगी छात्रों ने इसे हाथों हाथ लिया. जहां लोग तकनीक के बारे में कम जानते हैं, वहां भी लोग फिजिक्स वाले को जानते हैं. यह दिखाता है कि इनोवेटिव आइडियाज के साथ तकनीक जुड़ती है तो परिणाम आते हैं.

उन्होंने महाकुंभ का उदाहरण देते हुए कहा कि खोया-पाया के माध्यम से हमारे युवाओं ने 28,000 लोगों को घर वालों से मिलाया है. जबकि कांग्रेस अध्यक्ष कहते हैं कि हजारों लोग मारे गए. उनकी दृष्टि ऐसी है. महाकुंभ में 25 से 30 लाख लोगों की क्षमता है, लेकिन वहां करोड़ों लोग पहुंचे. हमने बसें, ट्रेन चलाईं, उन्हें वापस भेजा, प्रवास की सुविधा दी. इसके बाद उनके साथ संवाद स्थापित किया. परिवार वालों से बात करके सभी को उनके घरों सुरक्षित भेजा. यह तकनीकी का ही परिणाम है. यदि तकनीक नहीं होती तो शायद न हो पाता.

मुख्यमंत्री ने बताया कि एक व्यक्ति प्रयागराज में अपने घर से संगम स्नान करने निकले थे. अचानक रात में घटना घटित होती है. वे काफी दिन तक घर नहीं पहुंचे तो लोगों ने समझ लिया कि उनकी मृत्यु हो गई. तेरहवीं की व्यवस्था कर ली. उसी दिन वह ई-रिक्शा से घर पहुंच गए और बताया कि कुंभ में भंडारे में खाना खाकर रहते रहे.

मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि महाकुंभ में जाकर ही वहां का अनुमान लगाया जा सकता है. ऐसे ही स्टार्टअप हैं. हम लोगों ने इलेक्ट्रिक बसें सभी शहरों में स्टार्ट कीं. गोरखपुर में पांच से 40 बसें की गईं. अब प्रदेश के शहरों के आसपास के गांवों के लिए भी बसें चलाई जा रही हैं. इलेक्ट्रिक बस बनाने वालों के लिए हमने अनुदान देने की पॉलिसी बनाई है. इसमें कई प्रस्ताव भी हमारे पास आए हैं. अकेले यूपी को डेढ़ लाख बसें चाहिए. जो भी आएगा उसके सामने यूपी का इतना बड़ा मार्केट है. यहां बहुत डिमांड और नई-नई संभावनाएं हैं.

सीएम योगी ने कहा कि उत्तर प्रदेश खाद्यान्न, गन्ना उत्पादन में पहले स्थान पर है. जितना हम उत्पादन कर रहे हैं, उससे तीन गुना कर सकते हैं. थोड़ा और प्रोत्साहित करेंगे तो यह बढ़ जाएगा. अभी हमारे किसानों को अच्छा बीज मिलने में कठिनाई है. वेयरहाउस की कमी है. सभी चीजें मिल जाएं तो तीन गुना स्थिति बढ़ जाएगी. मुझे गोरखपुर में खेती भी देखनी होती है. भंडारा कराना होता है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री बनने के बाद ध्यान देना कम हो गया था, जिससे उत्पादन कम हो गया. मैंने फिर देखना शुरू किया तो इस बार उत्पादन बढ़ गया.

मुख्यमंत्री ने कहा कि चिकित्सा के क्षेत्र में भी हम आगे बढ़ रहे हैं. टेली कंसल्टेशन शुरू कर दिया है. वर्चुअल कोचिंग चल सकती है तो टेली कंसल्टेशन के माध्यम से हम स्वास्थ्य की सलाह भी दे सकते हैं. सीएम ने कोविड काल का जिक्र किया और उस समय स्वास्थ्य सेवाओं के बारे में कहा कि हमने एक हजार से बढ़ाकर पांच लाख टेस्ट प्रतिदिन की क्षमता विकसित की. हमारे 36 जनपदों में आईसीयू का एक भी बेड नहीं था, लेकिन अब हालत देख लें. उन्होंने युवाओं को प्रेरित किया कि जीवन के अलग-अलग क्षेत्र में हम बहुत कार्य कर सकते हैं.

एसके/एएस