दक्षिण कोरिया मार्शल लॉ विवाद : पूछताछ के लिए भ्रष्टाचार जांच कार्यालय के सामने पेश नहीं हुए यून

सोल, 18 दिसंबर . दक्षिण कोरियाई राष्ट्रपति यून सुक योल बुधवार को भ्रष्टाचार जांच कार्यालय (सीआईओ) के समक्ष उपस्थित नहीं हुए. उन्होंने मार्शल लॉ को लागू किए जाने के बारे में पूछताछ के लिए भेजे गए समन की अवहेलना की.

योनहाप समाचार एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, सीआईओ, पुलिस और रक्षा मंत्रालय की जांच इकाई से बनी संयुक्त जांच टीम ने यून को बुधवार को सोल के दक्षिण में ग्वाचेन में सीआईओ के दफ्तर में उपस्थित होने के लिए कहा था.

इस सप्ताह की शुरुआत में यून को समन देने के कई प्रयास विफल हो गए, क्योंकि राष्ट्रपति कार्यालय ने इसे स्वीकार करने से इनकार कर दिया और मेल को वापस भेज दिया.

सीआईओ प्रमुख ओह डोंग-वून ने मंगलवार को नेशनल असेंबली की विधायी समिति को बताया कि समन को ‘जानबूझकर’ अस्वीकार किया जा रहा है और उनकी एजेंसी इसके जवाब में तुरंत ‘कानूनी’ कदम उठाएगी.

सीआईओ इस बात पर भी विचार कर रहा है कि दूसरा समन जारी किया जाए या नहीं.

अभियोजन पक्ष, जो मार्शल लॉ मामले में समानांतर जांच कर रहा है, ने यून को अलग से शनिवार को पूछताछ के लिए उपस्थित होने के लिए कहा है. यून ने रविवार को पहले जारी समन की अवहेलना की थी.

नेशनल असेंबली ने 14 दिसंबर को राष्ट्रपति यून सुक-योल के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव पारित कर दिया. यह प्रस्ताव मंगलवार (03 दिसंबर) रात को मार्शल लॉ लागू करने के लिए उनके खिलाफ लाया गया था. अब सभी की निगाहें संवैधानिक न्यायालय पर टिकी हैं, जो राष्ट्रपति यून सूक योल के महाभियोग पर अंतिम फैसला लेगा.

न्यायालय यह फैसला करेगा कि संसद के उस फैसले को मंजूरी दी जाए या नहीं, जिसके तहत या तो यून को पद से हटाया जाएगा या उन्हें पद पर बहाल किया जाएगा.

यून पर 3 दिसंबर को मार्शल लॉ की घोषणा के माध्यम से विद्रोह भड़काने का आरोप है. उन्हें संवैधानिक न्यायालय के मुकदमे के लंबित रहने तक ड्यूटी से निलंबित कर दिया गया है. उनकी जगह प्रधानमंत्री हान डक-सू ने कार्यवाहक राष्ट्रपति के रूप में कार्यभार संभाल लिया.

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