मेरठ, 26 मार्च . उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने बीते आठ वर्षों के कार्यकाल में मेरठ में विकास के नए आयाम गढ़े हैं. किसानों, गरीबों और महिलाओं के उत्थान के लिए विभिन्न योजनाओं के तहत अभूतपूर्व कार्य किए गए हैं. पहली बार लाखों किसानों को ‘पीएम किसान सम्मान निधि योजना’ का लाभ मिला. वहीं, गन्ना किसानों को रिकॉर्ड भुगतान किया गया है.
प्रदेश सरकार ने मेरठ में पहले से पांच गुना अधिक निराश्रित महिलाओं को पेंशन दी है. साथ ही, 43 हजार से ज्यादा लाभार्थियों को 297 करोड़ रुपए का ऋण भी दिया है. इसके अलावा प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के तहत 848 परिवारों को घर मिले हैं. जबकि, प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के तहत 30,369 लोगों के खुद के घर का सपना योगी सरकार के प्रयास से साकार हुआ है.
मेरठ के 1.82 लाख परिवारों को योगी सरकार में स्वच्छ रसोई ईंधन उपलब्ध कराया गया है. 2017 के बाद उज्ज्वला योजना के लाभार्थियों की संख्या में चार गुना वृद्धि हुई है. साथ ही, गंगा एक्सप्रेसवे और औद्योगिक गलियारे से मेरठ की कनेक्टिविटी और आर्थिक विकास को पहले से बेहतर बनाया गया है. एक लाख विद्यार्थियों को टैबलेट और स्मार्टफोन देने के साथ 57 हजार से ज्यादा छात्र-छात्राओं को छात्रवृत्ति का वितरण किया गया है.
योगी सरकार ने पहली बार मेरठ में 2.42 लाख किसानों को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना का लाभ दिया है. इस योजना के तहत किसानों को सीधी आर्थिक सहायता प्रदान की गई. इससे उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत हुई. बीते आठ वर्षों में कुल 615 करोड़ रुपए से ज्यादा की सहायता राशि किसानों के खाते में ट्रांसफर की गई है. मेरठ के हजारों किसानों को किसान ऋण मोचन योजना के तहत पहली बार लाभ मिला है. 43,000 से अधिक किसानों को ऋण मोचन योजना के तहत 297 करोड़ रुपए का लाभ मिला है. इससे छोटे और मध्यम किसानों को बड़ी राहत मिली और उन्हें दोबारा आर्थिक रूप से सशक्त होने का अवसर मिला.
गन्ना किसानों के लिए योगी सरकार ने ऐतिहासिक कदम उठाया है. पहले की सरकार की तुलना में दो गुने से भी ज्यादा गन्ना मूल्य भुगतान किया गया है. किसानों को 17,400 करोड़ रुपए की राशि दी गई, जिससे गन्ना किसानों की आर्थिक स्थिति में बड़ा सुधार हुआ है.
योगी सरकार ने निराश्रित महिला पेंशन योजना में भी बड़ा बदलाव किया है. पिछली सरकार की तुलना में पांच गुना अधिक पेंशन दी गई है. 61,827 महिलाओं को इस योजना का सीधा लाभ मिला है.
साल 2017 से पहले मेरठ में स्मार्ट सिटी मिशन और आधुनिक सार्वजनिक परिवहन जैसी योजनाएं मौजूद नहीं थीं. लेकिन, अब 130.65 करोड़ रुपए की लागत से नौ बड़े स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट चल रहे हैं. शहर की परिवहन सुविधा को सुगम बनाने के लिए सरकार ने 8 वॉल्वो बस, 96 ई-बस और 50 इलेक्ट्रिक बस शुरू की हैं.
विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना के तहत शहर में 5,200 से अधिक कुशल श्रमिकों को लाभान्वित किया गया. इसके अलावा, मेरठ में औद्योगिक निवेश प्रस्तावों की कुल राशि 33,943 करोड़ रुपए तक पहुंच गई है, जिससे 1.44 लाख से अधिक नए रोजगार सृजित होने की उम्मीद है.
–
एसके/एबीएम