लखनऊ, 7 अक्टूबर . उत्तर प्रदेश को एक ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी बनाने के लिए प्रतिबद्ध योगी सरकार प्रदेश में ‘ईज ऑफ डूइंग बिजनेस’ को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न प्रकार के प्रयास कर रही है. प्रगति को नए आयाम देने की दिशा में सरकार ने दो अहम कदम उठाए हैं.
एक ओर, प्रदेश में निवेश प्रक्रिया के सरलीकरण, तमाम प्रकार की मंजूरी और इन्सेंटिव प्रणाली का लाभ देने और निवेशकों को नई सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीसीडा) में निवेश सुधारों का विस्तृत तंत्र बनाया जाएगा. इसके जरिए निवेश बढ़ाने और इसे आसान बनाने का मार्ग प्रशस्त होगा और प्रक्रिया सरलीकरण में मदद मिलेगी. इसी प्रकार, इन्वेस्ट यूपी द्वारा ‘निवेश मित्र’ पोर्टल के सिंगल विंडो प्लेटफॉर्म प्रणाली को और दुरुस्त करने पर फोकस किया जा रहा है.
सीएम योगी के विजन अनुसार, प्रदेश में विभिन्न औद्योगिक परियोजनाओं में निवेश करने वाले निवेशकों को प्रक्रिया सरलीकरण समेत ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के विभिन्न कॉम्पोनेंट्स का लाभ मिलना चाहिए. इसी दिशा में यूपीसीडा में डिपार्टमेंट फॉर प्रमोशन ऑफ इंटरनल ट्रेड (डीपीआईआईटी) के मानकों के अनुरूप बिजनेस रिफॉर्म एक्शन प्लान (बीआरएपी) को लागू किया जाएगा. यह विस्तृत तंत्र की तरह कार्य करेगा जो यूपीसीडा के अधिकारियों के प्रदर्शन में सुधार, ऑनलाइन सेवाओं में बदलाव और निवेश मित्र के साथ उसके इंटीग्रेशन का मार्ग प्रशस्त करेगा. इसके साथ ही, इंडस्ट्रियल पार्क रेटिंग सिस्टम (आईपीआरएस रैंकिंग) का मार्ग भी प्रशस्त करेगा.
यह यूपीसीडा के विभिन्न औद्योगिक क्षेत्रों में विकास और निवेश के अवसर तलाशने तथा गैप एनालिसिस के माध्यम से सुधार के क्षेत्रों में काम करने का मार्ग प्रशस्त करेगा. इसके अतिरिक्त, इन्वेस्टमेंट प्रमोशन स्ट्रैटेजी के विकास और विस्तार, बिजनेस प्रॉसेस री-इंजीनियरिंग, नॉलेज क्रिएशन, डाटा बैंक मैनेजमेंट, बिजनेस प्रमोशन और मार्केटिंग, जीआईएस सिस्टम के मूल्यांकन समेत विभिन्न प्रकार के कार्यों का मार्ग प्रशस्त करेगा. इस प्रक्रिया को पूरा करने के लिए तीन साल की कार्यावधि के लिए एक कंसल्टेंसी एजेंसी को कार्य सौंपा जाएगा जिसकी प्रक्रिया शुरू हो गई है.
सीएम योगी की मंशा के अनुरूप, इन्वेस्ट यूपी द्वारा निवेश मित्र पोर्टल की सिंगल विंडो प्रणाली को और सुदृढ़ कर उसमें नई सुविधाएं जोड़ने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है. इसके अंतर्गत दो फेज में काम पूरा किया जाएगा. पहले फेज में डिजाइन, डेवलपमेंट और इंप्लिमेंटेशन से जुड़ी प्रक्रियाओं को पूरा किया जाएगा तथा दूसरे फेज में पोर्टल के ऑपरेशनल मेंटेनेंस पर फोकस किया जाएगा. इस प्रक्रिया के जरिए बिजनेस यूजर्स के लिए यूनिफाइड जी2बी इंटरफेस, माइक्रो सर्विस आर्किटेक्चर, इंटीग्रेशन और एफिशिएंट कंटेंट मैनेजमेंट प्रणाली को पोर्टल से जोड़े जाने का मार्ग प्रशस्त होगा.
प्रक्रिया के अंतर्गत, डिजिटल फैसिलिटेशन मैकेनिज्म में और ज्यादा सुधार किया जाएगा. इसके जरिए, इन्वेस्ट यूपी द्वारा सुझाए गए नए मॉड्यूल का विकास होगा. यह उत्तर प्रदेश सरकार के विभिन्न विभागों की मौजूदा प्रणाली को सिंगल विंडो प्रणाली का एक्सेस और साथ ही राष्ट्रीय सिंगल विंडो प्रणाली के साथ एकीकरण का माध्यम सुनिश्चित करता है. इसके साथ ही निवेशकों को केवाईए (नो योर अप्रूवल्स), यूएएफ (यूनिफाइड एफ्लिकेशन फॉर्म्स), डॉक्यूमेंट रिपोजिटरी, पेमेंट गेटवे, इंडीविजुअल लाइसेंस मॉड्यूल, ग्रीवांस रेड्रेस्सल, यूजर प्रोफाइल मैनेजमेंट मॉड्यूल, रिपोर्टिंग व डैशबोर्ड जैसी सुविधाएं भी उपलब्ध कराता है जिसे और सुदृढ़ करने की तैयारी की जा रही है.
–
एससीएच/एकेजे