शिकायत निस्तारण में योगी सरकार का श्रम विभाग कर रहा उत्कृष्ट प्रदर्शन

लखनऊ, 23 जून . योगी सरकार निवेशकों और उद्यमियों को अनुकूल वातावरण देने के साथ ही उनकी समस्याओं का त्वरित समाधान सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध दिख रही है. इसी दिशा में संचालित ‘निवेश मित्र पोर्टल’ पर प्राप्त शिकायतों के निस्तारण की स्थिति बताती है कि सरकार पारदर्शिता और जवाबदेही के उच्च मानकों को स्थापित कर रही है.

‘निवेश मित्र पोर्टल’ पर श्रम विभाग से संबंधित शिकायतों का त्वरित निस्तारण कर योगी सरकार ने अपनी प्रतिबद्धता को साबित किया है.

श्रम विभाग से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार, वित्तीय वर्ष 2024-25 में निवेश मित्र पोर्टल पर प्राप्त कुल 22,280 शिकायतों में से 22,130 शिकायतों का सफल निस्तारण किया गया, जो कि 99.32 प्रतिशत समाधान दर को दर्शाता है. हेल्पलाइन/टोल फ्री के माध्यम से प्राप्त 19,503 शिकायतों में से 19,353 का समाधान किया गया, जबकि आईजीआरएस (समाधान पोर्टल) पर दर्ज सभी 2,777 शिकायतों का 100 प्रतिशत निस्तारण हुआ.

यूजर अनुभव को लेकर प्राप्त फीडबैक में 88.2 प्रतिशत उपयोगकर्ताओं ने पोर्टल की सेवाओं को संतोषजनक बताया है, 8.1 प्रतिशत ने इसे मध्यम श्रेणी में रखा और केवल 3.6 प्रतिशत ही असंतुष्ट पाए गए. कुल मिलाकर, ऑनलाइन सेवाओं में 96.60 प्रतिशत यूजर्स ने संतुष्टि व्यक्त की है, जो किसी भी सरकारी डिजिटल प्लेटफॉर्म के लिए एक बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है.

श्रम विभाग से संबंधित फीडबैक में भी 89.60 प्रतिशत उपयोगकर्ता संतुष्ट पाए गए, जबकि मात्र 3.4 प्रतिशत उपयोगकर्ताओं ने असंतोष व्यक्त किया. यह विभागीय जवाबदेही और सुगम सेवा उपलब्धता का प्रमाण है. सरकार द्वारा प्रदत्त टोल-फ्री हेल्पलाइन नंबर 18001805160 और 0512-2295174 पर नागरिकों की शिकायतें सरलता से दर्ज की जाती हैं और निर्धारित समयसीमा में निस्तारण सुनिश्चित किया जाता है.

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बार-बार दोहराया है कि उत्तर प्रदेश को निवेश के लिहाज से देश का सबसे आकर्षक गंतव्य बनाने के लिए पारदर्शी और कुशल प्रशासनिक प्रणाली अनिवार्य है. निवेश मित्र पोर्टल इस सोच का सशक्त प्रतीक बनकर उभरा है, जिसने ‘ईज ऑफ डूइंग बिजनेस’ के क्षेत्र में उत्तर प्रदेश को अग्रणी राज्यों की कतार में लाकर खड़ा कर दिया है.

निवेश मित्र पोर्टल के जरिए सरकार ने यह सिद्ध किया है कि यदि राजनीतिक इच्छाशक्ति, तकनीकी दक्षता और प्रशासनिक सक्रियता एक साथ मिल जाएं, तो आमजन और उद्यमी दोनों को लाभ पहुंचाया जा सकता है. यह पोर्टल अब केवल एक शिकायत निवारण प्रणाली नहीं, बल्कि उत्तर प्रदेश की सुशासन नीति का भरोसेमंद चेहरा बन चुका है.

एसके/एबीएम