नई दिल्ली, 10 फरवरी . एक तरफ अयोध्या में भव्य राम मंदिर का निर्माण और प्रभु श्रीराम की प्राण प्रतिष्ठा हो चुकी है. वहीं, प्रदेश की योगी 2.0 सरकार के द्वारा प्रदेश भर के मंदिरों के रख-रखाव और सौंदर्यीकरण के काम में भी सरकार दिलचस्पी दिखा रही है ताकि पर्यटन के क्षेत्र में यूपी का तेजी से विकास हो सके.
योगी सरकार के इस दूसरे कार्यकाल में प्रदेश भर के 75 जिलों के 300 से ज्यादा छोटे-बड़े मंदिरों के रखरखाव और सौंदर्यीकरण पर 150 करोड़ रुपए के राशि का आवंटन सरकार के द्वारा किया गया है.
इसके लिए प्रदेश के ऐसे मंदिर जिनको जिले के जिलाधिकारी या स्थानीय लोगों के द्वारा दिए गए सुझावों के अनुसार रख-रखाव और सौंदर्यीकरण की जरूरत है, उसकी सूची को योगी सरकार के पर्यटन और संस्कृति मंत्रालय के द्वारा कंस्ट्रक्शन एजेंसी को सौंपी जा रही है और इसमें आने वाले पूरे खर्च का ब्यौरा तैयार कराया जा रहा है.
ऐसे मंदिर जो नवीकरण या सौंदर्यीकरण के अभाव में बदहाल हो गए हैं, उन पर 50 लाख रुपए हर मंदिर के हिसाब से आवंटित किया जा रहा है. इनमें से कई मंदिर ऐसे हैं, जो सदियों पुराने हैं और पिछली सरकारों की अनदेखी और मरम्मत के अभाव में बदहाल हो गए हैं.
उत्तर प्रदेश की योगी सरकार इन मंदिरों के नवीकरण और सौंदर्यीकरण के जरिए प्रदेश की संस्कृति को सहेजने और पर्यटन को बढ़ावा देने की दिशा में काम कर रही है. सरकार की तरफ से इन मंदिरों के नवीकरण के लिए 50 लाख से 2 करोड़ रुपए तक की राशि आवंटित की गई है. जबकि, बड़े मंदिरों के लिए इससे भी ज्यादा राशि का आवंटन किया गया है.
योगी 2.0 में आगरा के बटेश्वर धाम मंदिर, फिरोजाबाद का रुपाणी देवी मंदिर, अलीगढ़ का अमानी बाबा मंदिर, एटा का कैलाश मंदिर, हाथरस का तारागढ़ मंदिर, मैनपुरी का लालपुरी मंदिर, मथुरा का लक्ष्मी मंदिर, अयोध्या का हाथी राम बाबा मंदिर, अंबेडकर नगर का शिव बाबा मंदिर, बाराबंकी का महादेव मंदिर, अमेठी का राम-जानकी मंदिर, गोंडा का झाली धाम मंदिर, बहराइच का बाबा बिहारी दास मंदिर, बलरामपुर का मां पाटेश्वरी देवी मंदिर के साथ गोरखपुर का झारखंडी मंदिर शामिल है.
ये सभी वह मंदिर हैं जिनका पुननिर्माण या नवीकरण कराया जा रहा है. इन मंदिरों के अस्तित्व और वैभव को बचाने के लिए यूपी की योगी सरकार की तरफ से यह प्रयास किया जा रहा है. इन मंदिरों की पुरानी संरचना को फिर से तैयार करने के साथ इसके भीतर के काम और चारदीवारी के निर्माण का भी काम कराया जा रहा है.
इन मंदिरों को सड़कों और हाइवे से जोड़ने का भी काम किया जा रहा है ताकि यहां तक पर्यटक सुगम तरीके से पहुंच सकें. इसके साथ ही इन प्रमुख मंदिरों के आसपास गेस्ट हाउस के निर्माण को भी मंजूरी दी गई है ताकि यहां आने वाले पर्यटकों को यहां ठहरने में कोई परेशानी ना हो.
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जीकेटी/एबीएम