डिफेंस कॉरिडोर और आईएमएलसी के नोड्स में पर्यावरण निगरानी सुनिश्चित करेगी योगी सरकार

Lucknow, 23 जून . उत्तर प्रदेश को उत्तम व उद्यम प्रदेश बनाने के लिए प्रतिबद्ध योगी Government उत्तर प्रदेश में डिफेंस कॉरिडोर और औद्योगिक क्षेत्रों के विकास के साथ-साथ पर्यावरण संबंधी पहलुओं की निगरानी पर भी विशेष जोर दे रही है. सीएम योगी के निर्देशन में उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीडा) ने इन क्षेत्रों में पर्यावरणीय मानकों का पालन सुनिश्चित कराने के लिए एक नई व्यवस्था लागू की है.

इसके तहत इन क्षेत्रों की हर छह महीने में पर्यावरण अनुपालन रिपोर्ट तैयार की जाएगी. यह रिपोर्टें पर्यावरण संरक्षण अधिनियम 1986 के तहत मान्यता प्राप्त और राष्ट्रीय परीक्षण एवं अंशशोधन प्रयोगशाला प्रत्यायन बोर्ड (एनएबीएल) से प्रमाणित लैब्स द्वारा तैयार की जाएंगी.

लैब्स न केवल पर्यावरणीय मापदंडों की निगरानी करेंगी, बल्कि निर्धारित प्रारूप में रिपोर्ट तैयार कर उसे ऑनलाइन अपलोड भी करेंगी, जिससे पारदर्शिता बनी रहे और राज्य का सतत औद्योगिक विकास सुनिश्चित हो सके. यह पहल डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर और इंडस्ट्रियल मैन्युफैक्चरिंग व लॉजिस्टिक्स क्लस्टर (आईएमएलसी) की परियोजनाओं के लिए लागू की गई है.

यूपीडा के मुताबिक, पर्यावरणीय मंजूरी प्राप्त स्थानों पर यह प्रक्रिया जल्द ही प्रारंभ कर दी जाएगी. इससे न केवल पर्यावरणीय दिशा-निर्देशों का पालन सुनिश्चित होगा, बल्कि निवेशकों को भी यह भरोसा मिलेगा कि विकास कार्य पर्यावरण के प्रति उत्तरदायी तरीके से हो रहा है.

यूपीडा ने जिन जिलों में पर्यावरणीय मंजूरी प्राप्त की है, उनमें अलीगढ़, Kanpur नगर, Lucknow, चित्रकूट और झांसी शामिल हैं. इन जिलों में डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर के लिए भूमि अधिग्रहण और विकास कार्य प्रगति पर हैं. अब इन स्थानों पर पर्यावरण की स्थिति की नियमित निगरानी की जाएगी. प्रत्येक छह महीने में लैब्स द्वारा सैंपलिंग, फील्ड निरीक्षण और संबंधित अधिकारियों से सूचना एकत्रित कर रिपोर्ट तैयार की जाएगी.

इस रिपोर्ट में वायु, जल, ध्वनि, मिट्टी जैसे प्रमुख पर्यावरणीय घटकों की स्थिति का विवरण होगा. रिपोर्ट को पर्यावरण मंजूरी देने वाली संस्थाओं जैसे राज्य स्तरीय पर्यावरण प्रभाव आकलन प्राधिकरण (एसईआईएए) और केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय को ऑनलाइन जमा भी किया जाएगा. इन जिलों के अलावा, आगरा और उन्नाव के लिए पर्यावरण मंजूरी की प्रक्रिया अंतिम चरण में है. जैसे ही मंजूरी प्राप्त होगी, वहां भी कार्य शुरू कर दिया जाएगा.

योगी Government की यह पहल राज्य Government के औद्योगिक विकास को पर्यावरणीय दायित्वों के साथ संतुलित रखने के विजन को दर्शाती है. डिफेंस कॉरिडोर जैसी राष्ट्रीय महत्व की परियोजनाएं जब पर्यावरणीय मानकों का पालन करते हुए आगे बढ़ती हैं, तो यह न केवल स्थानीय नागरिकों के स्वास्थ्य और संसाधनों की रक्षा करती हैं, बल्कि इससे वैश्विक निवेशकों में राज्य की सकारात्मक छवि भी बनती है.

यूपीडा द्वारा अपनाई गई यह प्रणाली राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में इंडस्ट्रियल कॉरिडोर के तहत स्थापित हो रहे उद्योगों के लिए एक नीतिगत उदाहरण बनेगी. इसके माध्यम से Government यह संदेश देना चाहती है कि उत्तर प्रदेश न केवल तेजी से आगे बढ़ता राज्य है, बल्कि वह पर्यावरण संरक्षण को भी प्राथमिकता देता है. यह व्यवस्था आने वाले समय में उत्तर प्रदेश को पर्यावरणीय रूप से उत्तरदायी औद्योगिक हब के रूप में स्थापित करने में अहम भूमिका निभाएगी. साथ ही, इससे रोजगार, निवेश और आर्थिक गतिविधियों को भी गति मिलेगी.

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