भारत की अंतरिक्ष उपलब्धियों और नई पीढ़ी को विज्ञान-प्रौद्योगिकी से जोड़ने की दिशा में योगी सरकार ने उठाया कदम

Lucknow, 21 अगस्त . India की अंतरिक्ष उपलब्धियों और नई पीढ़ी को विज्ञान-प्रौद्योगिकी से जोड़ने की दिशा में योगी Government ने एक और ऐतिहासिक कदम उठाया है. प्रदेशभर के विद्यालयों में 23 अगस्त को द्वितीय ‘नेशनल स्पेस डे’ मनाया जाएगा.

इस अवसर पर एनसीईआरटी द्वारा तैयार नया मॉड्यूल ‘इंडिया – ए राइजिंग स्पेस पावर’ भी लॉन्च होगा. परिषदीय प्राथमिक, उच्च प्राथमिक, कंपोजिट व केजीबी विद्यालयों में छात्र-छात्राओं के लिए विशेष गतिविधियों का आयोजन किया जाएगा.

इस संबंध में बेसिक शिक्षा मंत्री संदीप सिंह का कहना है कि अंतरिक्ष विज्ञान में India की लगातार बढ़ती उपलब्धियां नई पीढ़ी के लिए प्रेरणास्रोत हैं. चंद्रयान, आदित्य-एल1 और गगनयान जैसे मिशनों की जानकारी देकर ही हम उन्हें अंतरिक्ष विज्ञान और प्रौद्योगिकी से जोड़ सकते हैं. इस प्रयास के माध्यम से Government बच्चों में शोध और नवाचार की भावना को प्रबल करने की कोशिश कर रही है. यह योगी Government के ‘समग्र शिक्षा, समग्र विकास’ के लक्ष्य को भी नई गति प्रदान करेगी.

इस आयोजन का उद्देश्य बच्चों में अंतरिक्ष विज्ञान व प्रौद्योगिकी के प्रति जिज्ञासा और अभिरुचि पैदा करना है, ताकि वे विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग और गणित (एसटीईएम) जैसे क्षेत्रों में करियर की ओर प्रेरित हों. इसी लक्ष्य के लिए विद्यालयों में विशेष सभाएं, प्रदर्शनी, कार्यशालाएं और विशेषज्ञों के साथ ऑनलाइन/ऑफलाइन सेशन आयोजित होंगे.

महानिदेशक स्कूल शिक्षा कंचन वर्मा ने बताया कि बच्चों को अंतरिक्ष अन्वेषण की उपलब्धियों से अवगत कराने के लिए शिक्षा मंत्रालय ने दीक्षा, निष्ठा, एनसीईआरटी वेबसाइट और India ऑन द मून पोर्टल जैसे संसाधन उपलब्ध कराए हैं, जिन पर अंतरिक्ष से जुड़ी समसामयिक गतिविधियां नियमित रूप से अपडेट होती रहती हैं. विशेष रूप से एनसीईआरटी ने आयु और कक्षा आधारित नया मॉड्यूल ‘इंडिया – ए राइजिंग स्पेस पावर’ तैयार किया है, जिसका शुभारंभ 23 अगस्त को होगा. यह मॉड्यूल नेशनल डिजिटल लाइब्रेरी और एनसीईआरटी की वेबसाइट पर उपलब्ध रहेगा.

उन्होंने कहा कि Government ने नवाचार और तकनीकी शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए पहले ही स्मार्ट क्लास, डिजिटल लाइब्रेरी, ड्रोन और रोबोटिक्स लैब जैसी पहलें शुरू की हैं. अब ‘नेशनल स्पेस डे’ पर होने वाले कार्यक्रम यूपी के परिषदीय विद्यालयों को 21वीं सदी की शिक्षा से लैस करने की दृष्टि को और बल देंगे.

एसके/एबीएम