संगम तट पर सर्कुलेशन क्षेत्र में वृद्धि में जुटी योगी सरकार

प्रयागराज, 18 अक्टूबर . 2025 में आस्था की डुबकी लगाने के लिए आने वाले श्रद्धालुओं की सुविधा को लेकर योगी सरकार संगम तट पर सर्कुलेशन क्षेत्र में वृद्धि में जुट गई है. इसके लिए संगम नोज पर रिवर चैनलाइजेशन एवं ड्रेजिंग पर वित्तीय वर्ष 2024-25 में करीब 20 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे. इसके लिए सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग ने कमर कस ली है.

शासन से इसकी सैद्धांतिक सहमति भी ले ली गई है. मालूम हो कि निरंतर हो रहे कटाव के कारण संगम तट पर उपलब्ध भूमि 2019 की तुलना में 60 प्रतिशत तक कम हो गई है. इसके चलते आईआईटी गुवाहाटी के विशेषज्ञों द्वारा परामर्श के आधार पर मेला प्रशासन और सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग आवश्यक कार्रवाई को अंजाम दे रहा है.

साल 2019 से 2024 तक गंगा नदी अपने दाहिने किनारे की ओर से लगभग 200 से 500 मीटर तक स्थानांतरित हो गई है. निरंतर हो रहे कटाव के कारण संगम तट पर उपलब्ध भूमि 2019 के स्तर से 60 प्रतिशत तक कम हो गई है. सिंचाई विभाग द्वारा गंगा नदी के दाहिने तट पर शास्त्री ब्रिज से संगम नोज तक सर्कुलेटिंग एरिया बढ़ाने के लिए आईआईटी गुवाहाटी के विशेषज्ञों द्वारा दिए गए परामर्श के अनुसार कई कार्य प्रस्तावित हैं.

बाढ़ से पूर्व किए गए चैनलाइजेशन कार्य की चौड़ाई ड्रेजिंग मशीन द्वारा लगभग 150 मी. से 175 मी. तक किया जाना है. परियोजना में ड्रेजिंग का कार्य मैकेनिकल डिवीजन द्वारा किया जाना है. इस कार्य से निकाले गए ड्रेज्ड मटेरियल की मात्रा तटबंध मजबूत करने के लिए एवं सरकुलेटिंग एरिया बढ़ाने के लिए किया जाएगा. इसकी अनुमानित लागत 6.34 करोड़ रुपए से ज्यादा होगी.

इसके अतिरिक्त नदी के दाहिने तट पर जियो बैग का बैंक पेवमेंट का कार्य कराया जाना है, जबकि नायलान क्रेट में जियो बैग द्वारा 1×8 मीटर में लांचिंग एप्रन का कार्य भी किया जाना है. तटबंध के लेयर में जियो ग्रिड 200 एवं 100 एमटी प्रति वर्ग मी. का प्रयोग किया जाना है. इस पर अनुमानित 10.24 करोड़ की लागत आएगी. शासन की ओर से सिंचाई विभाग को सुसंगत प्रस्ताव तैयार कर नगर विकास विभाग को प्रेषित करने के निर्देश दिए गए हैं. साथ ही नगर विकास विभाग को अग्रेतर कार्यवाही सुनिश्चित करने के लिए भी कहा गया है.

एसके/एबीएम