लखनऊ, 28 फरवरी . उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं को लगातार विस्तार दिया जा रहा है. वन डिस्ट्रिक्ट, वन मेडिकल कॉलेज (ओडीओएम) के संकल्प को पूरा करने में जुटी योगी सरकार ने इस दिशा में एक और कदम बढ़ाया है. इसी क्रम में योगी सरकार द्वारा बागपत और कासगंज में नए मेडिकल कॉलेजों के निर्माण को मंजूरी दी गई है, जिससे इन जनपदों के नागरिकों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध होंगी.
साथ ही हाथरस में पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) मोड के तहत मेडिकल कॉलेज स्थापित करने की प्रक्रिया को भी हरी झंडी दी गई है. इसके अलावा बलरामपुर में किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू) के सैटेलाइट सेंटर को मेडिकल कॉलेज के रूप में विकसित करने की योजना को भी स्वीकृति दी गई है.
योगी सरकार का संकल्प है कि उत्तर प्रदेश के हर जिले में मेडिकल कॉलेज स्थापित किया जाए. इसी दिशा में बागपत, कासगंज और हाथरस में मेडिकल कॉलेजों की स्थापना बड़ा कदम है. सरकार ने इन परियोजनाओं को वायबिलिटी गैप फंडिंग के तहत मंजूरी दी है, जिससे सरकारी और निजी साझेदारी (पीपीपी मोड) के जरिए स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार किया जाएगा.
स्वास्थ्य सुविधाओं का विस्तार सीएम योगी की प्राथमिकता में है. इसी क्रम में हर जिले में मेडिकल कॉलेज की स्थापना से न केवल स्वास्थ्य सेवाएं सुलभ होंगी, बल्कि प्रदेश में मेडिकल एजुकेशन को भी नया आयाम मिलेगा. पिछले दिनों हुई बैठक में सीएम योगी ने कहा कि नए उत्तर प्रदेश की ओर हमारा यह मजबूत कदम है, जहां हर व्यक्ति को बेहतर चिकित्सा सुविधा मिलेगी. सीएम ने अधिकारियों को समय से नए मेडिकल कॉलेज के निर्माण का काम पूरे करने के निर्देश दिए.
मेडिकल कॉलेजों की स्थापना को लेकर योगी सरकार के निर्णय से न केवल चिकित्सा सुविधाओं में सुधार होगा, बल्कि प्रदेश के युवाओं को रोजगार के नए अवसर भी प्राप्त होंगे. इन नए मेडिकल कॉलेजों से डॉक्टर, नर्स, पैरामेडिकल स्टाफ और अन्य स्वास्थ्य कर्मियों की संख्या में बढ़ोतरी होगी. इसके अलावा योगी सरकार ने यह भी सुनिश्चित किया है कि मेडिकल कॉलेजों में आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएं, जिससे यहां के छात्र किसी भी अन्य बड़े मेडिकल संस्थान के मुकाबले बेहतरीन शिक्षा प्राप्त कर सकें.
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि मेडिकल कॉलेजों के निर्माण और संचालन में गुणवत्ता से कोई समझौता न किया जाए. बैठक में सीएम ने बागपत, कासगंज और हाथरस में मेडिकल कॉलेजों के संचालन के लिए न्यूनतम निविदादाता के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी है. यह मेडिकल कॉलेज पीपीपी मोड पर स्थापित किए जाएंगे, जिसमें सरकारी सहयोग के साथ-साथ निजी क्षेत्र की भागीदारी भी सुनिश्चित की जाएगी. इस मॉडल के तहत निजी निवेशकों को आकर्षित किया जाएगा, जिससे मेडिकल कॉलेजों का संचालन सुचारू रूप से हो सके और वहां विश्वस्तरीय चिकित्सा सुविधाएं प्रदान की जा सकें.
योगी सरकार ने बलरामपुर में केजीएमयू के सैटेलाइट सेंटर को मेडिकल कॉलेज के रूप में विकसित करने का भी निर्णय लिया है. यह पहल पूर्वांचल और आसपास के क्षेत्रों के लिए वरदान साबित होगी. इससे दूरदराज के मरीजों को उच्च स्तरीय चिकित्सा सेवाएं मिल सकेंगी. बलरामपुर मेडिकल कॉलेज के रूप में विकसित होने से न केवल स्थानीय नागरिकों को फायदा मिलेगा, बल्कि आसपास के जिलों के लोगों को भी बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं प्राप्त होंगी.
मुख्यमंत्री ने बैठक में कहा कि बलरामपुर में मेडिकल कॉलेज की स्थापना से हजारों लोगों को फायदा मिलेगा. इससे प्रदेश के चिकित्सा ढांचे को और मजबूती मिलेगी. साथ ही गरीब तबके को बेहतर इलाज उपलब्ध हो सकेगा.
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एसके/एबीएम