लखनऊ, 3 अगस्त . Chief Minister योगी आदित्यनाथ लगातार बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों की मॉनिटरिंग कर रहे हैं. इस दौरान वह बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में अधिकारियों और राहत विभाग को आवश्यक दिशा निर्देश दे रहे हैं, जिससे राहत कार्यों में कोई कमी न रहे. इसके अलावा सीएम योगी के निर्देश पर मंत्री बाढ़ प्रभावित जिलों का ग्राउंड जीरो पर निरीक्षण कर रहे हैं.
वर्तमान में प्रदेश के 17 जिले बाढ़ से प्रभावित हैं. इनमें कानपुर नगर, लखीमपुर खीरी, आगरा, औरैया, चित्रकूट, बलिया, बांदा, गाजीपुर, मीरजापुर, प्रयागराज, वाराणसी, चंदौली, जालौन, कानपुर देहात, हमीरपुर, इटावा और फतेहपुर शामिल हैं. इन सभी जिलों में राहत कार्य तेजी से चल रहे हैं. वहीं, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और पीएसी के जवानों द्वारा पेट्रोलिंग की जा रही है.
राहत आयुक्त भानु चंद्र गोस्वामी ने बताया कि वर्तमान में प्रदेश के 17 जिलों की 37 तहसीलें और 402 गांव बाढ़ से प्रभावित हैं. इन इलाकों में बाढ़ से 84,392 लोग प्रभावित हैं, जिनमें से 47,906 लोग ऐसे हैं, जिन्हें राहत सहायता प्रदान की गई है. बाढ़ की वजह से 2,759 मवेशियों को सुरक्षित स्थान पर शिफ्ट किया गया है.
बाढ़ की चपेट में आने से अब तक 343 लोगों के मकानों को क्षति पहुंची है, जिनमें से 327 लोगों को सहायता राशि प्रदान की जा चुकी है.
वहीं, प्रदेश में 4,015 हेक्टेयर से अधिक क्षेत्रफल बाढ़ की चपेट में आया है. इन प्रभावित क्षेत्रों में 493 नावों और मोटरबोट्स की सहायता से राहत सामग्री पहुंचाई जा रही है. इन इलाकों में अब तक 6,536 खाद्यान्न पैकेट और 76,632 लंच पैकेट वितरित किए जा चुके हैं. वर्तमान में बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में 29 लंगर के जरिए पीड़ितों को भोजन की सुविधा दी जा रही है.
योगी सरकार द्वारा बाढ़ प्रभावित इलाकों में पीड़ितों के साथ मवेशियों की सुरक्षा और उनके खाने-पीने का भी पूरा ध्यान रखा जा रहा है. अब तक मवेशियों के लिए 500 क्विंटल भूसा वितरित किया जा चुका है. इसके अलावा 1,29,571 क्लोरीन टैबलेट और 37,089 ओआरएस पैकेट भी वितरित किए जा चुके हैं ताकि जल जनित बीमारियों पर नियंत्रण पाया जा सके.
बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में कुल 905 बाढ़ शरणालय सक्रिय हैं, जहां 11,248 लोग अस्थायी रूप से निवास कर रहे हैं. इन सभी का 757 मेडिकल टीमों द्वारा चेकअप किया जा रहा है. इसके साथ ही 1,193 बाढ़ चौकियों की स्थापना की गई है, जो प्रभावित क्षेत्रों की स्थिति पर निगरानी रख रही हैं.
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एससीएच/एबीएम