सामाजिक सुरक्षा में भारत को दूसरा स्थान प्राप्त होना एक ऐतिहासिक उपलब्धि : योगेंद्र कपूर

नई दिल्ली, 29 जून . अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन (आईएलओ) ने सामाजिक सुरक्षा कवरेज में भारत को दूसरा स्थान दिया है, जो देश के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है. अर्थशास्त्री योगेंद्र कपूर ने कहा कि यह देश की सामाजिक सुरक्षा योजनाओं के प्रभावी कार्यान्वयन और सरकार की नीतियों का परिणाम है.

योगेंद्र कपूर ने बताया कि 2014 में जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार सत्ता में आई थी, तब लगभग 25 करोड़ भारतीय सामाजिक सुरक्षा योजनाओं के दायरे में थे. आईएलओ की पुष्टि के अनुसार भारत की 64 प्रतिशत आबादी इन योजनाओं से लाभान्वित हो रही है, जो एक उल्लेखनीय प्रगति को दर्शाता है.

कपूर ने कहा, “प्रधानमंत्री आवास योजना, आयुष्मान भारत, जनधन खाते और असंगठित क्षेत्र के मजदूरों के लिए योजनाओं जैसे कदमों ने करोड़ों लोगों को सामाजिक सुरक्षा प्रदान की है. यह सरकार की नीतियों की सफलता का प्रमाण है. भारत जैसे देश में, जहां अर्थव्यवस्था अनौपचारिक से औपचारिक क्षेत्र की ओर बढ़ रही है, सामाजिक सुरक्षा योजनाएं लोगों को आर्थिक स्थिरता और आत्मविश्वास प्रदान करती हैं.

आयुष्मान भारत योजना का उदाहरण देते हुए कपूर ने बताया कि इस योजना ने 95 करोड़ की आबादी में से लगभग 50 करोड़ लोगों को स्वास्थ्य बीमा का लाभ दिया है. इससे न केवल लोगों की स्वास्थ्य संबंधी चिंताएं कम हुई हैं, बल्कि उनकी बचत भी बढ़ी है. पहले लोग अपनी आय का बड़ा हिस्सा स्वास्थ्य पर खर्च करते थे, लेकिन अब यह पैसा उनकी बचत में जुड़ रहा है, जो अर्थव्यवस्था में वापस निवेश हो रहा है. इस प्रकार, अर्थव्यवस्था को गति देने में बचत महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है.

कपूर ने लोगों को गरीबी रेखा से ऊपर उठाने में इन योजनाओं की भूमिका को भी रेखांकित किया. उन्होंने कहा कि पिछले 10 वर्षों में लगभग 35 करोड़ लोग गरीबी रेखा से ऊपर आए हैं. यह उपलब्धि प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (डीबीटी) और सरकार की पारदर्शी नीतियों का परिणाम है. डीबीटी ने सुनिश्चित किया कि सरकारी योजनाओं का लाभ सीधे लाभार्थियों तक पहुंचे, जिससे भ्रष्टाचार और बिचौलियों की भूमिका कम हुई है. यह प्रणाली न केवल प्रभावी है, बल्कि यह लोगों की आर्थिक स्थिति को बेहतर बनाने में भी सहायक रही है.

कोविड-19 महामारी के दौरान सरकार की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए कपूर ने कहा कि इस कठिन समय में सामाजिक सुरक्षा योजनाओं ने गरीब और असंगठित क्षेत्र के लोगों को संबल प्रदान किया. महामारी के दौरान 80 करोड़ लोगों को मुफ्त राशन और अन्य सहायता प्रदान करना एक बड़ी उपलब्धि थी. अगर ये योजनाएं प्रभावी ढंग से लागू नहीं होतीं, तो देश को भारी आर्थिक और सामाजिक संकट का सामना करना पड़ सकता था.

हालांकि, कपूर ने यह भी माना कि सामाजिक सुरक्षा के क्षेत्र में अभी और काम करने की आवश्यकता है. उन्होंने कहा कि यह एक सतत प्रक्रिया है. सरकार को अब लोगों को सामाजिक सुरक्षा पर निर्भरता से स्वतंत्रता की ओर ले जाने पर ध्यान देना चाहिए. लोगों की आय बढ़ाने और रोजगार के अवसर पैदा करने पर जोर देना जरूरी है.

प्रधानमंत्री मोदी की नेतृत्व शैली की प्रशंसा करते हुए कपूर ने कहा, “पहले सरकारी योजनाओं का लाभ लाभार्थियों तक पूरी तरह नहीं पहुंचता था. लेकिन आधार से जुड़े बैंक खातों और डीबीटी के माध्यम से सरकार ने यह सुनिश्चित किया कि सहायता सीधे लाभार्थियों तक पहुंचे. यह पारदर्शिता और प्रभावी कार्यान्वयन इस सरकार की सबसे बड़ी ताकत है.”

एकेएस/एकेजे