नई दिल्ली, 31 जनवरी . दिल्ली विधानसभा चुनाव के बीच आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल द्वारा यमुना नदी में जहर मिलाने वाले बयान पर सियासत थमती नजर नहीं आ रही है. इस मुद्दे पर शिवसेना (यूबीटी) नेता प्रियंका चतुर्वेदी ने प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि यमुना नदी की सफाई को लेकर राजनीति नहीं होनी चाहिए.
शिवसेना (यूबीटी) की नेता प्रियंका चतुर्वेदी ने से बातचीत में कहा, “यह शर्मनाक है कि राजनीति का स्तर इतना गिर चुका है. महाराष्ट्र में हमने एक उदाहरण देखा था और अब दिल्ली में यमुना नदी को लेकर सियासत हो रही है. यमुना नदी उत्तर प्रदेश में भी बहती है और इसकी सफाई को लेकर वहां भी दिक्कत है.”
उन्होंने आगे कहा, “मैं जब मथुरा गई थी तो वहां के लोग खुद कह रहे थे कि यमुना काफी गंदी रहती है. यमुना नदी हमारे लिए पूजनीय है और उसकी सफाई भी नहीं होती. वहां पर सरकार भारतीय जनता पार्टी की है, जिसने सफाई का वादा किया था, मथुरा की सांसद भी भाजपा की नेता हैं. मैं मानती हूं कि यमुना की सफाई को लेकर राजनीति करना बहुत ही ओछी हरकत है. भाजपा ने इसकी शुरुआत की है और इलेक्शन कमीशन अब जवाब मांग रही है. अगर वही जवाब चुनाव आयोग ने उत्तर प्रदेश सरकार से मांगा होता तो बहुत अच्छा होता.”
प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा, “यमुना की सफाई हम सब की जिम्मेदारी है, ये हमारे लिए आस्था की बात है, क्योंकि ये नदी हमारे धर्म से जुड़ी हुई है. यमुना की सफाई पर राजनीति न हो बल्कि उसका जिम्मेदारी से काम किया जाना चाहिए.”
केजरीवाल ने कहा था कि यमुना के पानी में अमोनिया के स्तर को एक सुनियोजित तरीके से बढ़ाकर लोगों को जहर देने की तैयारी हो रही है. इस पर निर्वाचन आयोग ने केजरीवाल से जवाब मांगा है.
चुनाव आयोग ने अपने पत्र में लिखा है कि अरविंद केजरीवाल ने यह आरोप लगाया था कि हरियाणा सरकार ने जानबूझकर यमुना नदी में जहर घोला था, जिससे दिल्ली में नरसंहार की स्थिति उत्पन्न हो सकती थी. आयोग ने आपको 29 जनवरी तक इस बयान के बारे में तथ्यों और कानूनी पक्ष के साथ प्रमाण देने का समय दिया था. आयोग को जो जवाब के रूप में एक पत्र प्राप्त हुआ, उसमें कोई स्पष्टता नहीं दी गई थी.
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एफएम/केआर