वाई.एस. शर्मिला रेड्डी और उनके पति के पास है 181 करोड़ की संपत्ति, कार एक भी नहीं

अमरावती, 20 अप्रैल . आंध्र प्रदेश कांग्रेस कमेटी (एपीसीसी) की अध्यक्ष वाई.एस. शर्मिला रेड्डी और उनके पति के पास 181.79 करोड़ रुपये की संपत्ति है.

आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाई.एस. जगन मोहन रेड्डी की बहन अपने पति एम. अनिल कुमार से अधिक संपत्ति की मालकिन हैं.

शर्मिला ने शनिवार को कडप्पा लोकसभा सीट के लिए अपना नामांकन दाखिल करते समय चुनाव अधिकारियों को सौंपे गए हलफनामे में यह खुलासा किया.

दंपत्ति पर कुल 118.58 करोड़ रुपये की देनदारियां हैं. उन पर जगन मोहन रेड्डी से 82.58 करोड़ रुपये और अपनी भाभी वाई.एस. भारती रेड्डी से 19.56 लाख रुपये का कर्ज भी है.

अनिल कुमार की देनदारियों में शर्मिला से लिए गए 29.99 करोड़ रुपये और उनकी सास वाई.एस. विजयम्मा से लिए गए 40 लाख रुपये के ऋण शामिल हैं.

अपना पेशा ‘व्यवसाय और कृषि’ बताने वाली शर्मिला के पास बैंक बैलेंस, निवेश, ऋण और अग्रिम सहित 123.26 करोड़ रुपये की चल संपत्ति है. हलफनामे से पता चलता है कि उन्होंने अपने पति, जो एक व्यवसायी हैं, को 30 करोड़ रुपये का ऋण दिया है.

कांग्रेस नेता के पास 8.3 करोड़ रुपये के सोने के आभूषण और रत्न हैं.

अनिल कुमार की चल संपत्ति की कीमत 45.19 करोड़ रुपये है. दम्पति के पास कोई वाहन नहीं है.

शर्मिला के पास 9.29 करोड़ रुपये की अचल संपत्ति है जबकि उनके पति की अचल संपत्ति 4.05 करोड़ रुपये है.

वित्त वर्ष 2022-23 के दौरान कांग्रेस उम्मीदवार की आय 1.26 करोड़ रुपये थी जबकि अनिल कुमार की 2.70 करोड़ रुपये थी.

नामांकन दाखिल करने से पहले शर्मिला ने अपनी मां का आशीर्वाद लिया और अपने पिता तथा पूर्व मुख्यमंत्री वाई.एस. राजशेखर रेड्डी की कब्र पर भी गईं.

नामांकन दाखिल करने के समय शर्मिला की चचेरी बहन और मारे गए पूर्व मंत्री वाई.एस. विवेकानंद रेड्डी की बेटी वाई.एस. सुनीता रेड्डी तथा वरिष्ठ कांग्रेस नेता तुलसी रेड्डी भी उनके साथ थे.

राज्य कांग्रेस प्रमुख का मौजूदा सांसद और वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवार वाई.एस. अविनाश रेड्डी से सीधा मुकाबला है, जो उनके चचेरे भाई भी हैं.

सुनीता रेड्डी और शर्मिला ने विवेकानन्द रेड्डी की हत्या के लिए अविनाश रेड्डी को दोषी ठहराया है.

इस बीच, शर्मिला के हलफनामे से पता चलता है कि उन पर आठ आपराधिक मामले चल रहे हैं. इनमें से छह मामले उनके खिलाफ पड़ोसी तेलंगाना में विभिन्न मुद्दों पर विरोध-प्रदर्शन के दौरान दर्ज किए गए थे, जहां उन्होंने 2021 में वाईएसआर तेलंगाना पार्टी बनाई थी. उन्होंने इस साल जनवरी में पार्टी का कांग्रेस में विलय कर दिया था.

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