डब्ल्यूपीएल अब वही प्रभाव दिखा रही है जो आईपीएल ने पुरुष क्रिकेट पर डाला है : स्मृति मंधाना

नई दिल्ली, 18 अप्रैल . भारत की महिला क्रिकेट टीम की उप-कप्तान स्मृति मंधाना का मानना है कि वूमेन प्रीमियर लीग (डब्ल्यूपीएल) अब धीरे-धीरे वही असर दिखा रही है, जो इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) ने पुरुष क्रिकेट पर 2008 से अब तक डाला है.

स्मृति ने से कहा, “पिछले तीन सालों में हमने देखा है कि डब्ल्यूपीएल कितनी तेजी से आगे बढ़ी है. पहले ज़्यादातर मैच देखने लड़के आते थे, लेकिन अब बहुत सी लड़कियां भी मैदान में आकर मैच देखती हैं. छोटी बच्चियां भी हमारे पास आकर कहती हैं कि वो भी क्रिकेटर बनना चाहती हैं. ये सुनकर बहुत अच्छा लगता है. डब्ल्यूपीएल ने टी20 क्रिकेट को लोगों तक पहुंचाने और मनोरंजन के लिहाज से बड़ा असर डाला है. जिस तरह से आईपीएल ने पिछले 17 से पुरुष क्रिकेट के लिए जो कुछ किया है, मुझे लगता है डब्ल्यूपीएल अब वही काम महिला क्रिकेट के लिए कर रही है.”

डब्ल्यूपीएल की शुरुआत 2023 में हुई थी, और तभी से भारत के छोटे-बड़े शहरों में लड़कियां बड़ी संख्या में क्रिकेट अकादमियों में शामिल हो रही हैं. स्मृति महाराष्ट्र के सांगली शहर में अपनी खुद की अकादमी भी चलाती हैं और अब दुबई में शुरू हुई नई अकादमी में खिलाड़ियों को बेहतर प्रशिक्षण देने की योजना बना रही हैं.

उन्होंने कहा, “हमें सिर्फ उन्हीं शहरों से नहीं, जहां डब्ल्यूपीएल की टीमें हैं, बल्कि बाकी शहरों से भी लड़कियों की दिलचस्पी देखने को मिल रही है. घरेलू क्रिकेट में भी लड़कियां मेहनत कर रही हैं ताकि उन्हें डब्ल्यूपीएल या अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में खेलने का मौका मिल सके. यह अच्छी सुविधाओं जैसे प्रशिक्षण केंद्र के लिए मदद करेगा. अकादमी निश्चित रूप से सभी के लिए है. लेकिन हम वास्तव में इस बात पर ध्यान देना चाहते हैं कि हम महिला क्रिकेट का विकास कैसे कर सकते हैं, जिसमें कौशल के अलावा उनका पूरा विकास शामिल हो. हम यह भी सिखाएंगे कि कैसे अपनी ताकत, सहनशक्ति और सोच को बेहतर किया जा सकता है, ताकि जब खिलाड़ी अकादमी से बाहर निकले, तो वह पूरी तरह तैयार हो.”

स्मृति ने यह भी बताया कि अब महिला क्रिकेट में पोषण को लेकर भी जागरूकता बढ़ रही है, और दुबई की अकादमी में वह इस दिशा में भी काम करेंगी.

उन्होंने कहा, “पहले जब हम खेलते थे, तो हमें नहीं पता होता था कि क्या खाना चाहिए और क्या नहीं. हम अक्सर जंक फूड खा लेते थे. लेकिन अगर सही खान-पान की जानकारी सही उम्र में दी जाए, तो इसका बड़ा फायदा होता है. इसलिए हम अकादमी में न्यूट्रिशन विशेषज्ञों को शामिल करेंगे और बच्चों को यह समझाएंगे कि क्या सही है और क्या नहीं. पोषण हर खिलाड़ी की निजी पसंद होती है, इसलिए किसी पर दबाव नहीं डालेंगे, लेकिन जानकारी जरूर देंगे. अगर एक 14-15 साल का बच्चा है तो उसको हम पसंदीदा चीज खाने से नहीं रोक सकते क्योंकि बच्चों और एलीट एथलीट में फर्क होता है. हमें पता है कि क्या करना है और हमें एक प्लान बनाना होगा. इसलिए यह तय है कि हमारे पास एक खेल न्यूट्रिशन विशेषज्ञ और कई क्लीनिक होंगे जहां पर इस बारे में जागरूकता फैला सकें.”

स्मृति अगली बार श्रीलंका में 27 अप्रैल से 11 मई तक होने वाली त्रिकोणीय वनडे सीरीज में खेलती नजर आएंगी, जिसमें भारत के अलावा दक्षिण अफ्रीका और श्रीलंका की टीमें होंगी.

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