गोरखपुर, 6 सितंबर . उत्तर प्रदेश के वन पर्यावरण एवं जंतु उद्यान राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. अरुण कुमार सक्सेना ने शुक्रवार को गोरखपुर वन प्रभाग के कैम्पियरगंज रेंज के भारीवैसी में स्थापित दुनिया के पहले जटायु राजगिद्ध (रेड हेडेड वल्चर) संरक्षण एवं प्रजनन केंद्र के उद्घाटन के मौके पर कहा कि विश्व की छठी नाइट सफारी लखनऊ में बनने जा रही है.
वन मंत्री ने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय गिद्ध जागरूकता दिवस की पूर्व संध्या पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के हाथों जटायु संरक्षण केंद्र की सौगात मिली है. विश्व में अभी सिर्फ पांच नाइट सफारी हैं, छठी नाइट सफारी मुख्यमंत्री के विजन से लखनऊ में बनने जा रही है.
उन्होंने कहा कि जटायु की महिमा और महत्व का वर्णन रामायण में मिलता है. रामायण काल में माता सीता की रक्षा करने में बलिदान हुए जिस जटायु का अंतिम संस्कार प्रभु श्रीराम ने किया था, आज उनकी वर्तमान और भावी पीढ़ी के संरक्षण का बीड़ा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उठाया है. सीएम के नेतृत्व में यूपी साल दर साल पौधरोपण में विश्व कीर्तिमान रच रहा है.
जटायु संरक्षण एवं प्रजनन केंद्र के उद्घाटन समारोह में सांसद रविकिशन शुक्ल ने कहा कि महिलाओं के पहले रक्षक जटायु थे. आज उत्तर प्रदेश में महिलाओं की पुख्ता सुरक्षा की व्यवस्था मुख्यमंत्री योगी ने की है. जटायु संरक्षण केंद्र की स्थापना सीएम योगी ने विलुप्त हो रहे राजगिद्ध को बचाने और पर्यावरण संरक्षण के उद्देश्य से की है. मुख्यमंत्री योगी के नेतृत्व में गोरखपुर का अभूतपूर्व विकास हुआ है. यह पर्यटन का केंद्र बन गया है. यहां बड़े-बड़े उद्योग लग रहे हैं. मुख्यमंत्री की सोच यूपी को एक ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने की है. उनके शासन में सभी लोगों को योजनाओं का लाभ बिना भेदभाव मिल रहा है.
सांसद ने कहा कि सपा प्रमुख अखिलेश यादव का यह बयान कि उनकी सरकार आई तो सारे बुलडोजर गोरखपुर कूच करेंगे, बेहद शर्मनाक है. क्या उनकी सोच सनातन साहित्य के सबसे बड़े केंद्र गीताप्रेस पर बुलडोजर चलाने की है या फिर नाथपंथ के विश्व विख्यात गोरखनाथ मंदिर पर. उद्घाटन समारोह को विधायक फतेह बहादुर सिंह ने भी संबोधित किया.
मुख्यमंत्री योगी ने जटायु संरक्षण एवं प्रजनन केंद्र का निरीक्षण किया और वहां की व्यवस्थाओं की जानकारी ली. सीएम ने संरक्षण केंद्र के हर हिस्से का भ्रमण करने के साथ ही बाड़े में संरक्षित जटायु का भी अवलोकन किया. इस दौरान प्रभागीय वनाधिकारी एवं चिड़ियाघर के निदेशक विकास यादव ने उन्हें केंद्र से संबंधित जानकारी दी. इस जटायु संरक्षण केंद्र का शिलान्यास मुख्यमंत्री ने 7 अक्टूबर 2020 को किया था.
राजगिद्ध के संरक्षण व संवर्धन के लिए गोरखपुर वन प्रभाग के कैम्पियरगंज (भारीवैसी) में जटायु संरक्षण व संवर्धन केंद्र बनाया गया है. इस केंद्र के जरिए राजगिद्धों की संख्या बढ़ेगी ही, विलुप्त होती प्रजातियों में शामिल इन जीवों को देखने के लिए सैलानियों की आमद बढ़ने से ईको टूरिज्म को भी बढ़ावा मिलेगा. जटायु संरक्षण एवं प्रजनन केंद्र की स्थापना पर कुल 2 करोड़ 80 लाख 54 हजार रुपये की लागत आई है.
–
विकेटी/एबीएम