नई दिल्ली, 24 अप्रैल . वर्ल्ड हिंदू फेडरेशन ने गुरुवार को नई दिल्ली में आयोजित राष्ट्रीय कार्यकारिणी बैठक में पहलगाम आतंकी हमले की कड़ी निंदा की. बैठक की शुरुआत शोक प्रस्ताव के साथ की गई, जिसमें हमले में मारे गए पर्यटकों को श्रद्धांजलि अर्पित की गई और उनके परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की गई.
वर्ल्ड हिंदू फेडरेशन ने इस घटना को कायराना और अमानवीय कृत्य बताते हुए दोषियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की मांग की. फेडरेशन ने कहा कि इस प्रकार के हमलों को किसी भी सूरत में नजरअंदाज नहीं किया जा सकता और सरकार को जिम्मेदारों के खिलाफ सख्त कदम उठाने चाहिए.
उधर, बिहार की राजधानी पटना के कारगिल चौक पर विभिन्न धर्मों के लोगों ने एकजुट होकर कैंडल मार्च निकाला. लोगों ने पाकिस्तान को करारा जवाब देने की मांग की और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चेतावनी का समर्थन किया. लोगों ने आतंकी हमले में मारे गए पर्यटकों को श्रद्धांजलि अर्पित की और सख्त कार्रवाई की मांग की.
उत्तर प्रदेश के मथुरा में संत धर्माचार्यों और टैक्सी यूनियन ने भी हमले पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की. कार्षनि नागेन्द्र महाराज, स्वामी सत्यमित्रानंद महाराज, आचार्य मृदुल कांत शास्त्री और संजीव कृष्ण ठाकुर जैसे प्रमुख संतों ने केंद्र सरकार से आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई की मांग की. साथ ही, “आस्तीन के सांपों” के प्रति भी चेतावनी दी गई.
कार्षनि नागेन्द्र महाराज ने कहा कि पाकिस्तान परस्त आतंकवादियों ने जिस तरह से जम्मू-कश्मीर के पहलगाम के पार्क में अपने परिवार के साथ खुशियां मना रहे हिंदू भाइयों पर फायरिंग कर उन्हें मौत की नींद सुला दिया, ऐसे आतंकवादियों के खिलाफ मोदी सरकार को सख्त कार्रवाई करनी चाहिए, ताकि भविष्य में ऐसी किसी घटना की पुनरावृत्ति न हो सके.
स्वामी सत्यमित्रानंद महाराज ने कहा कि अब समय आ गया है, जब आतंक पर गहरी चोट करनी होगी. सरकार को आतंक के खिलाफ तत्काल एक्शन लेना चाहिए.
आचार्य मृदुल कांत शास्त्री एवं संजीव कृष्ण ठाकुर ने कहा कि सरकार को ‘अभी नहीं तो कभी नहीं’ की भावना को ध्यान में रखते हुए आतंक के खात्मे का शंखनाद कर देना चाहिए. उन्होंने आतंकवादियों के साथ-साथ “अपने बीच पल रहे आस्तीन के सांपों” से भी बचने का आह्वान किया.
इसके साथ ही, वृंदावन टैक्सी एसोसिएशन ने भी इस्कॉन मंदिर के पास विरोध-प्रदर्शन कर हमले के दोषियों को तत्काल फांसी देने और मृतकों की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की.
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डीएससी/एकेजे