वाराणसी, 8 मार्च . अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर समाचार एजेंसी देश की कई प्रेरणादायी महिलाओं की कहानी अपने पाठकों से साझा कर रही है. बलिया की रहने वाली नेहा सिंह ऐसी ही एक शख्सियत हैं. वह वाराणसी के बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) की छात्रा नेहा पेंटिंग करती हैं. अपनी अनोखी पेंटिंग के माध्यम से वह गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्डर्स में भी जगह पा चुकी हैं.
बीएचयू की छात्रा डॉ. नेहा सिंह ने समाचार एजेंसी से कहा कि उन्हें बचपन से ही पेंटिंग का बहुत शौक था. उनके परिवार में अधिकतर लोग सेना में हैं, सिर्फ उन्होंने ही पेंटिंग की दुनिया में अपना भविष्य बनाने का सोचा था. अब वह इस क्षेत्र में अच्छा मुकाम हासिल कर चुकी हैं. दुनिया की सबसे बड़ी पेंटिंग बनाने के लिए उन्हें गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में जगह मिल चुकी है. इसके अलावा, कई अन्य सम्मान एवं रिकॉर्ड भी उनके नाम हैं.
नेहा ने बताया कि वह सनातन से जुड़ी आठ किताबें भी लिख चुकी हैं.
उन्होंने बताया कि बलिया में पेंटिंग का कोई इंस्टीट्यूट नहीं होने के कारण उन्होंने बीएचयू में दाखिला लिया. नेहा ने कहा, “हमारे क्षेत्र में पेंटिंग को सिर्फ एक हॉबी की तरह देखा जाता था, लोगों को इसकी जानकारी नहीं थी कि पेंटिंग में भी भविष्य बनाया जा सकता है. मुझे भी इसके बारे में जानकारी नहीं थी, लेकिन एक रिश्तेदार के माध्यम से मुझे इसके बारे में पता चला. काशी मेरी कर्मभूमि है और मैं इसकी बहुत शुक्रगुजार हूं.”
नेहा ने बताया कि वह एक संस्था भी चलाती हैं, जिसमें बच्चों को निःशुल्क शिक्षा देती हैं और पेंटिंग सिखाती हैं. पेंटिंग एग्जीबिशन में बिके हुए पेंटिंग के पैसों से वह अपनी संस्था का खर्चा उठाती हैं. वह महीने में तकरीबन दो हजार बच्चों को निःशुल्क पेंटिंग सिखाती हैं. नेहा ने अभी गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में तीन और रिकॉर्ड के लिए आवेदन किया है.
उल्लेखनीय है कि नेहा ने श्रीमद्भागवत गीता पर आधारित “मोक्ष का पेड़” नामक दुनिया की सबसे बड़ी पेंटिंग बनाकर ‘गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स’ में अपना नाम दर्ज करवाया है. इसके अलावा, उन्होंने ‘जीनियस वर्ल्ड रिकॉर्ड’, ‘यूरेशिया वर्ल्ड रिकॉर्ड्स’, ‘इंडियन बुक ऑफ रिकॉर्ड्स’, ‘हिमालयन बुक ऑफ रिकॉर्ड्स’, ‘वर्ल्ड रिकॉर्ड ऑफ इंडिया’ जैसे सम्मान भी अपने नाम किए हैं.
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एससीएच/एकेजे