नई दिल्ली, 16 दिसंबर, . दिल्ली की कानून व्यवस्था पर आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल इन दिनों केंद्र सरकार पर कटाक्ष करते हुए नजर आ रहे हैं.
सोमवार को दिल्ली में आम आदमी पार्टी ने ‘महिला अदालत’ लगाई. यहां पर महिला सुरक्षा से जुड़े मुद्दों पर केजरीवाल, दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी सहित समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने अपनी बात रखी. महिला अदालत में दिल्ली के कोने-कोने से महिलाएं हिस्सा लेने के लिए पहुंची थीं. कुछ महिलाओं ने से बात की.
मीना ने कहा, महिलाओं के सुरक्षा का मुद्दा बहुत जरूरी है. यहां पर केजरीवाल इस मुद्दे को उठा रहे हैं. उन्होंने महिलाओं को जनवरी माह से 1000 रुपये देने का वादा किया है. साथ ही चुनाव जीतने के बाद 2100 रुपये देना का वादा किया है. जहां तक सुरक्षा की बात है, तो हम यहां पर अपनी बात रखने के लिए आए हैं कि जिस तरह से दिल्ली में नशे का कारोबार बढ़ रहा है, उसे रोका जाना चाहिए.
साहिमा खान ने कहा है कि मैं सीमापुरी से आई हूं. स्कूल जाने के दौरान लड़कियां काफी परेशान रहती हैं. सड़क पर लड़के छेड़ते हैं. इसलिए लड़कियां स्कूल जाने से ड़रती हैं. घर की बच्चियां कहती हैं कि स्कूल तक छोड़ आओ. हम लोग नौकरी करने वाली महिला हैं, तो कैसे मैनेज करें. या तो परिवार के लिए नौकरी कर लें या फिर बच्चों को सुबह स्कूल छोड़ कर आएं.
दीपमाला ने कहा कि मैं छतरपुर से आई हूं. महिला सुरक्षा का मुद्दा लेकर आए हैं. हम खुद भी सुरक्षित महसूस नहीं करते हैं.
रितू ने कहा, महिलाओं की सुरक्षा हमारा मुख्य मुद्दा है. केजरीवाल अपना काम कर रहे हैं, लेकिन मुझे लगता केंद्र सरकार अच्छे से काम नहीं कर रही है. केजरीवाल अगर जीतते हैं तो कुछ बदलाव हो सकता है. दिल्ली में हम खुद को असुरक्षित महसूस करते हैं. हम लोग सामाजिक कार्यकर्ता हैं, हम देखते हैं कि सड़कों पर खुलेआम लोग शराब पीते हैं.
शोभा ने कहा, महिला अदालत में देखने आए हैं कि कौन कौन से मुद्दे रखे जा रहे हैं. रात के वक्त हमें बाहर निकलने में दिक्कत तो होती है.
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डीकेएम/