Lucknow, 17 जुलाई . उत्तर प्रदेश के Lucknow में कार्यरत ‘मसाला मठरी केंद्र’ की महिलाएं तब भावविभोर हो उठीं, जब उन्होंने देश की प्रथम नागरिक, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से राष्ट्रपति भवन में मुलाकात की.
यह आयोजन न केवल एक प्रेरणादायक क्षण बना, बल्कि वंचित वर्ग की महिलाओं को सम्मान, संवाद और सशक्तिकरण का नया आयाम भी मिला. इन महिलाओं में गुड्डी देवी, मुन्नी खरवार, हलीमा और माया लोदी शामिल रहीं, जिनके लिए यह अनुभव सपने से कम नहीं था. आकांक्षा समिति उत्तर प्रदेश की अध्यक्ष और वरिष्ठ आईएएस अधिकारी डॉ. रश्मि सिंह के नेतृत्व में यह ऐतिहासिक पहल संभव हो सकी.
बता दें कि समिति की दीदियों के लिए यह दिन केवल एक औपचारिक मुलाकात का नहीं था, बल्कि यह उस सामाजिक बदलाव की पुष्टि थी, जो दृढ़ संकल्प और संवेदनशील नेतृत्व से संभव हो सकता है. राष्ट्रपति की सहजता और प्रोत्साहन से सभी महिलाएं और समिति के सदस्य अत्यंत प्रेरित दिखे. राष्ट्रपति भवन में आयोजित इस विशेष भेंट के दौरान राष्ट्रपति ने दीदियों से आत्मीयता से बातचीत की और उनकी आय, स्वास्थ्य, बच्चों की शिक्षा तथा सामाजिक विकास जैसे विषयों पर गहन संवाद किया.
इस दौरान उन्होंने कहा कि महिलाओं की आर्थिक आत्मनिर्भरता सशक्तिकरण का सबसे प्रभावी माध्यम है. प्रशासनिक अधिकारियों की पत्नियां यदि समाज सेवा को अपने दायित्व का हिस्सा बनाएं, तो वंचित वर्गों के जीवन में ठोस परिवर्तन संभव है. राष्ट्रपति मुर्मू ने उत्तर प्रदेश के हर जनपद में आकांक्षा समिति को सक्रिय करने का सुझाव भी दिया.
इस अवसर पर डॉ. रश्मि सिंह ने अपने एक वर्ष के कार्यकाल की उपलब्धियों का विवरण प्रस्तुत किया और आकांक्षा समिति की ओर से एक कॉम्पेंडियम राष्ट्रपति को भेंट किया. उनके साथ समिति की सचिव प्रतिभा सिंह और उपाध्यक्ष डॉ. प्रीति चौधरी भी मौजूद रहीं, जिन्होंने संस्था की आगामी योजनाओं की रूपरेखा साझा की.
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विकेटी/डीएससी