भारत में करीब 76,000 स्टार्टअप्स का नेतृत्व कर रही महिलाएं : केंद्रीय मंत्री

New Delhi, 20 जुलाई . Union Minister डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि India में आज लगभग 76,000 स्टार्टअप का नेतृत्व महिलाओं की ओर से किया जा रहा है. इसमें से बड़ी संख्या में स्टार्टअप टियर 2 औ टियर 3 शहरों से है.

Union Minister ने कहा कि 2047 तक India को विकसित राष्ट्र बनने की राह सशक्त महिलाओं और युवाओं के नेतृत्व में तय होगी.

राष्ट्रीय राजधानी में एक सम्मेलन को संबोधित करते हुए, डॉ. सिंह ने कहा कि पिछले 11 वर्षों में Prime Minister मोदी Government ने अपने शासन ढांचे को चार स्तंभों पर केंद्रित किया है, जिसमें गरीब, किसान, युवा और महिला शामिल हैं.

उन्होंने उपस्थित लोगों से कहा, “महिला-केंद्रित शासन ने न केवल व्यक्तियों को सशक्त बनाया है, बल्कि समाज को भी नया रूप दिया है. लक्षित कल्याण के रूप में शुरू हुआ यह कार्य अब संस्थागत नेतृत्व में विकसित हो गया है.”

Union Minister ने महिलाओं के लिए सुलभ शिक्षा प्रदान करने के उद्देश्य से ‘जीविका ई-लर्निंग मैनेजमेंट सिस्टम ऐप’ लॉन्च किया और “सशक्त महिला, समृद्ध बिहार” नामक प्रकाशन का अनावरण किया, जो बिहार की प्रगति में महिलाओं के योगदान के बारे में जानकारी देता है.

डॉ. सिंह ने महिला सशक्तिकरण के लिए Prime Minister मोदी Government के व्यापक दृष्टिकोण पर विस्तार से चर्चा की, जो चार प्रमुख स्तंभों पर आधारित है.

पहले चरण में “संस्थानों में पहुंच और समावेशन” ने India के शैक्षिक और सैन्य परिदृश्य में महिलाओं की पहुंच को सुनिश्चित किया है.

दूसरे चरण, “वैज्ञानिक और तकनीकी सशक्तिकरण” ने डब्ल्यूआईएसई, जीएटीआई, सीयूआरआईई और महिला वैज्ञानिक कार्यक्रम जैसी लक्षित योजनाओं के माध्यम से महिलाओं को सशक्त बनाया है.

तीसरे चरण, “आर्थिक और सामाजिक सशक्तिकरण” ने वित्तीय संसाधनों तक महिलाओं की पहुंच में व्यापक वृद्धि देखी है. महिलाओं के लिए 48 करोड़ से अधिक जन धन खाते खोले गए हैं, जबकि मुद्रा योजना के 60 प्रतिशत से अधिक लाभार्थी महिला उद्यमी हैं.

स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) के माध्यम से 3 करोड़ से ज्यादा ‘लखपति दीदियों’ का निर्माण ग्रामीण अर्थव्यवस्था में बदलाव ला रहा है. Prime Minister आवास योजना के तहत, महिलाओं के नाम पर पंजीकृत घर न केवल आश्रय प्रदान कर रहे हैं, बल्कि उन्हें आर्थिक और सामाजिक सम्मान भी प्रदान कर रहे हैं.

चौथे चरण “कार्यस्थल सुधार और कानूनी संवेदनशीलता” के तहत सहानुभूतिपूर्ण और समावेशी शासन उपायों की शुरुआत की गई है. इनमें Governmentी सेवा में कार्यरत महिलाओं के लिए छह महीने का सवेतन बाल देखभाल अवकाश, अविवाहित या तलाकशुदा आश्रित बेटियों को पेंशन अधिकार प्रदान करना और मृत शिशुओं के जन्म के बाद भी मातृत्व अवकाश का प्रावधान शामिल है.

एबीएस/