प्रयागराज में महिलाएं ‘स्टार्टअप इंडिया’ के साथ आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ रही हैं

प्रयागराज, 7 मार्च . होली पर्व के नजदीक आते ही प्रयागराज में कई महिलाओं ने ‘स्टार्टअप इंडिया’ पहल के तहत समूह बनाकर अपना खुद का व्यवसाय शुरू कर दिया है.

ये महिलाएं कचरी पापड़, चिप्स और हर्बल गुलाल बना रही हैं. महिलाएं यहां पर काम कर काफी खुश हैं और आत्मनिर्भर होने के साथ ही साथ अपनी आर्थिक स्थिति को भी सुधार रही हैं. इनके द्वारा बनाए गए उत्पादों की डिमांड भी हो रही है. जिससे उन्हें खुशी का अनुभव हो रहा है.

समूह की एक सदस्य कहती हैं, “आज हमारे समाज में कोई भी महिला यह नहीं कह सकती कि उसके पास कोई काम नहीं है.”

उन्होंने कहा, “हम एक साथ आए हैं, अपना समूह बनाए हैं और महिला सशक्तिकरण के आह्वान को अपनाया है, जिसका हमारे प्रधानमंत्री ने समर्थन किया है. आज, शहर भर में महिलाएं न केवल काम कर रही हैं, बल्कि फल-फूल रही हैं, चिप्स, पापड़ और रंग जैसी चीजें बना रही हैं, जिनकी बहुत मांग है. काम करके हमने आत्मविश्वास हासिल किया है और हमारा परिवार होली को उत्साह के साथ मनाने को तैयार है, जिसकी हमने पहले कभी कल्पना भी नहीं की थी. जो पैसे के लिए संघर्ष हुआ करता था, खासकर त्योहारों के समय, वह अब समृद्धि के अवसर में बदल गया है.”

इन महिलाओं के लिए, हाशिए पर रहने से लेकर आत्मनिर्भरता का आदर्श बनने तक की यात्रा परिवर्तनकारी रही है.

समूह की सदस्य आभा सिंह बताती हैं, “पहले, यह सिर्फ एक आय का जरिया था, लेकिन अब घर की तीन महिलाएं – मेरी बेटी, बहन और मैं मिलकर काम कर रही हैं.”

उन्होंने कहा, “इससे न केवल त्योहार मनाने का हमारा तरीका बदल गया है, बल्कि इससे हम एक परिवार के रूप में और भी अधिक जुड़े हैं. इन वस्तुओं को बनाने और बेचने से मिलने वाले पैसे ने हमारी पैसे की चिंताओं को दूर कर दिया है अब हम पहले से कहीं ज्यादा सशक्त महसूस करते हैं.”

आभा ने बताया कि प्रधानमंत्री द्वारा महिला सशक्तिकरण पर ध्यान केंद्रित करने से उनके जीवन में किस प्रकार बदलाव आया है. “हमने खुद ही सबकुछ सीखा और अपना कारोबार शुरू किया. छोटी पहल के रूप में शुरू हुआ यह काम अब प्रयागराज में फैल गया है और हम कई अन्य महिलाओं से जुड़ गए हैं, वस्तुओं की लागत कम करने के साथ-साथ आजीविका भी कमा रहे हैं. इसने हमें पहचान का एहसास दिलाया है और मैं गर्व से कह सकती हूं कि आज प्रयागराज में हम अपने काम के लिए जाने जाते हैं.”

महिलाओं की यह पहल सिर्फ व्यवसाय तक ही सीमित नहीं है – इसका उद्देश्य ऐसे उत्पादों की पेशकश करना भी है जो समुदाय के स्वास्थ्य के लिए लाभकारी हों.

समूह की एक अन्य उद्यमी रूमी चौहान ने कहा, “हम प्राकृतिक गुलाल बना रहे हैं जो न केवल त्वचा के लिए सुरक्षित है बल्कि पर्यावरण के लिए भी अनुकूल है. लोग रासायन-आधारित उत्पादों के स्वास्थ्य जोखिमों के बारे में तेजी से जागरूक हो रहे हैं और हमारे गुलाल की बहुत मांग है. यह जानना अविश्वसनीय रूप से संतोषजनक है कि हमारे उत्पाद होली के दौरान परिवारों में खुशी और सुरक्षा ला रहे हैं.”

समूह की एक अन्य सदस्य संजना भारतीय ने कहा, “स्टार्टअप शब्द हमारे लिए नया था, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के समर्थन की बदौलत हम इस अवसर का लाभ उठा पाए हैं. हम जैसी महिलाएं एक साथ सीख रही हैं, काम कर रही हैं और कमा रही हैं. यह हमारे लिए एक अद्भुत समय है और हम जो महसूस कर रहे हैं, उसे शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता.”

डीकेएम/जीकेटी