नई दिल्ली, 20 जून . नैसकॉम की तरफ से गुरुवार को जारी एक रिपोर्ट में बताया गया है कि भारत में अभी 3,600 डीप टेक स्टार्टअप्स हैं और भारत अब दुनिया के शीर्ष नौ डीप टेक इकोसिस्टम वाले देशों में छठे स्थान पर है. जिसे पिछले साल 850 मिलियन डॉलर की फंडिंग मिली थी.
नैसकॉम और जिनोव की रिपोर्ट के अनुसार इन 3,600 स्टार्टअप में 480 से अधिक पिछले साल स्थापित किए गए, जो 2022 की तुलना में दोगुना से अधिक हैं.
2023 में लॉन्च किए गए इन 480 स्टार्टअप्स में से 100 से अधिक “इन्वेंटिव डीप टेक फर्म हैं, जिन्होंने इस क्षेत्र में बौद्धिक संपदा या नए तरह का समाधान विकसित किए हैं.”
इस वर्ष स्थापित 74 प्रतिशत से अधिक डीप टेक स्टार्टअप्स ने एआई पर ध्यान केंद्रित किया है, जिसमें 2014 से 2022 की अवधि के दौरान शुरू हुए स्टार्टअप्स की तुलना में 62 प्रतिशत की उल्लेखनीय वृद्धि हुई है.
अग्निकुल, गैलेक्सीआई, हेल्थप्लिक्स, सर्वम एआई और पेप्ट्रिस जैसे डीप टेक स्टार्टअप हेल्थटेक, एआई और स्पेस-टेक आदि के क्षेत्रों में उभर रहे हैं.
नैसकॉम डीप टेक काउंसिल के अध्यक्ष जयंद्रन वेणुगोपाल ने कहा, “एआई, क्वांटम कंप्यूटिंग, स्पेस-टेक, नेक्स्ट-जेन रोबोटिक्स और अन्य एक साथ आएंगे और शिक्षा, मनोरंजन, वाणिज्य, कृषि, औद्योगिक विनिर्माण, मोबिलिटी और कई अन्य क्षेत्रों में लागू किए जाएंगे.”
जहां देश टेक्नोलॉजी स्टार्टअप इकोसिस्टम में तीसरे स्थान पर है, वहीं डीप टेक स्टार्टअप के मामले में यह छठे स्थान पर है.
नैसकॉम डीप टेक प्रमुख कृतिका मुरुगेसन ने बताया, “भारत को शीर्ष तीन डीप टेक स्टार्टअप इकोसिस्टम में शामिल होने के लिए, जिन प्रमुख क्षेत्रों में समर्थन की आवश्यकता है, वे हैं डीप टेक स्टार्टअप के लिए एक व्यवस्थित पूंजी तक पहुंच, शिक्षा जगत के साथ मजबूत अनुसंधान और विकास वाली साझेदारी एवं 2023 में पेश की गई डीप टेक नीति का सही से कार्यान्वयन.”
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