जनवरी-मार्च तिमाही में विप्रो का मुनाफा आठ फीसदी घटकर 2,835 करोड़ रुपये रहा

बेंगलुरु, 19 अप्रैल . वित्त वर्ष 2023-24 की चौथी तिमाही में आईटी सॉफ्टवेयर क्षेत्र की दिग्गज कंपनी विप्रो का शुद्ध मुनाफा 7.80 प्रतिशत घटकर 2,834.6 करोड़ रुपये रह गया. इससे पहले वित्त वर्ष 2022-23 की समान तिमाही में कंपनी को 3,074.5 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ हुआ था.

कंपनी ने शेयर बाजार को बताया कि गत 31 मार्च को समाप्त तिमाही में कंपनी का राजस्व 4.18 प्रतिशत गिरकर 22,208.3 करोड़ रुपये हो गया. बेंगलुरु स्थित कंपनी ने एक साल पहले इसी तिमाही में 23,190.3 करोड़ रुपये का समेकित राजस्व दर्ज किया था.

कंपनी का आईटी सेवा क्षेत्र का राजस्व 265.74 करोड़ डॉलर रहा, जो क्रमिक रूप से 0.1 प्रतिशत की वृद्धि और एक साल पहले की तुलना में 6.4 प्रतिशत की कमी है.

शुक्रवार को जारी आंकड़ों से पता चलता है कि स्वैच्छिक नौकरी छोड़ने की दर 14.2 प्रतिशत थी. चौथी तिमाही में कंपनी के कर्मचारियों की संख्या में 6,180 और पूरे साल के दौरान 24,516 की कमी आई.

कंपनी ने अनुमान लगाया है कि 30 जून को समाप्त होने वाली तिमाही में स्थिर मुद्रा के संदर्भ में 1.5 प्रतिशत की से 0.5 प्रतिशत की बढ़त तक हो सकती है.

विप्रो के सीईओ श्रीनि पल्लिया ने कहा कि 2023-24 आईटी उद्योग के लिए एक चुनौतीपूर्ण वर्ष साबित हुआ और व्यापक आर्थिक माहौल अनिश्चित बना हुआ है, “हालांकि, मैं आगे आने वाले अवसरों को लेकर आशावादी हूं”.

पल्लिया ने कहा कि कंपनी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के साथ अपने ग्राहकों की जरूरतों को बदलने के साथ एक प्रमुख तकनीकी बदलाव की राह पर है “क्योंकि वे प्रतिस्पर्धी लाभ और उन्नत व्यावसायिक मूल्य के लिए इसकी शक्ति का उपयोग करना चाहते हैं”.

पल्लिया ने कहा, “हमारे पास हमारे लक्ष्यों को साकार करने में मदद करने के लिए दुनिया भर में 2,30,000 से अधिक विप्रोइट्स की क्षमताएं, नेतृत्व और ताकत है. हालांकि हमें काफी काम करना है, मुझे विश्वास है कि अपने सामूहिक प्रयास के साथ मिलकर हम विकास के अगले अध्याय का मार्ग प्रशस्त कर सकते हैं.”

पल्लिया ने इसी महीने कंपनी की बागडोर संभाली है. उनके पूर्ववर्ती थिएरी डेलापोर्टे ने अचानक सीईओ पद से इस्तीफा दे दिया था. ऐसी खबरें आ रही थीं कि विप्रो के प्रवर्तक उनके प्रदर्शन से खुश नहीं थे.

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