भोपाल, 10 फरवरी . कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कमलनाथ और राज्यसभा सदस्य विवेक तन्खा को लेकर ऐसी अफवाहें हैं कि वो बीजेपी का दामन थाम सकते हैं. हालांकि, अभी तक इस संदर्भ में किसी भी प्रकार की आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है.
सूत्रों के मुताबिक, कमलनाथ और बीजेपी के बीच जो पूर्व में डील हुई थी, उसे लेकर पहले संशय बना हुआ था, लेकिन अब खबर है कि इस पर से संशय़ के बादल छंट गए हैं. यही नहीं, कमलनाथ के इस डील का खुद मुख्यमंत्री मोहन यादव और प्रदेश के अन्य वरिष्ठ नेताओं ने समर्थन किया है.
बीते दिनों मुख्यमंत्री मोहन यादव दिल्ली दौरे पर आए थे, जहां उनकी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात हुई थी. बताया जा रहा है कि इस मुलाकात के दौरान कांग्रेस नेताओं के बीजेपी में शामिल होने लेकर विस्तारपूर्वक चर्चा हुई थी.
खबर है कि कमलनाथ को उनके बेटे के साथ राज्यसभा सीट दिया जा सकता है. इसके अलावा कांग्रेस सांसद को छिंदवाड़ा से लोकसभा सीट और मुख्यमंत्री पद भी ऑफर किया जा सकता है.
हालांकि, मध्य प्रदेश के रहने वाले दो कांग्रेस नेताओं की मुख्यमंत्री कमलनाथ से मुलाकात हुई थी. मुलाकात के बाद जब दोनों नेताओं से पूछा गया कि आपकी किन विषयों पर मुख्यमंत्री से बात हुई है?, तो उन्होंने कहा कि हमारी आगामी लोकसभा चुनाव के संदर्भ में उनसे विस्तारपूर्वक चर्चा हुई है.
नाम ना छपने की शर्त पर एक कांग्रेस नेता ने को बताया, “मुझे विश्वास नहीं हो रहा है कि कमलनाथ बीजेपी का दामन थाम सकते हैं? यकीन मानिए, अगर ऐसा हुआ, तो ये आगामी लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस के लिए सबसे बड़ा झटका होगा.
हाल ही में कमलनाथ ने कहा था कि उनके बेटे नुकूलनाथ छिंदवाड़ा से चुनाव लड़ेंगे.
इस बीच राज्यसभा के सदस्य विवेक तन्खा को लेकर अफवाहें हैं कि वो बीजेपी का दामन थाम सकते हैं. ध्यान दें, तन्खा कमलनाथ के सहयोगी माने जाते हैं.
विशेष रूप से, दो कांग्रेस नेता – जबलपुर के मेयर जगत बहादुर सिंह अक्का ‘अन्नू’ और शशांक शेखर – एमपी कांग्रेस कानूनी सेल के पूर्व प्रमुख पहले ही भाजपा में शामिल हो चुके हैं. जगत बहादुर और शहांक शेखर दोनों विवेक तन्खा के करीबी बताए जाते हैं.
तन्खा को दूसरी बार राज्यसभा एमपी का टिकट दिया गया है. उनका कार्यकाल जून 2028 में समाप्त होगा.
सूत्रों के मुताबिक, अगर कमलनाथ बीजेपी में शामिल हो जाते हैं, तो इस बात की पूरी संभावना है कि विवेक तन्खा भी कांग्रेस अपना रिश्ता खत्म कर लेंगे.
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एसएचके/