‘निर्वाचन आयोग के साथ सहयोग करेंगे’, कांग्रेस ने इलेक्शन कमीशन को पत्र लिख मांगा मतदाताओं से जुड़ा डेटा

New Delhi, 26 जून . महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 पर चर्चा की मांग को लेकर चुनाव आयोग ने राहुल गांधी को निमंत्रण दिया है. आयोग के निमंत्रण पर अब कांग्रेस पार्टी के ईगल (नेताओं और विशेषज्ञों का सशक्त कार्य समूह) की ओर से बयान आया है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी का नेतृत्व सूचियों और फुटेज प्राप्त होने के बाद निर्वाचन आयोग से मिलने को तैयार है. उस बैठक में हम अपने विश्लेषण के निष्कर्ष भी आपके सामने प्रस्तुत करेंगे.

ईगल ने चुनाव आयोग के सचिवालय के सचिव अश्विनी कुमार मोहल को पत्र लिखकर कहा, “हम अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी द्वारा बनाया गया एक समूह हैं, जो भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की ओर से भारत के निर्वाचन आयोग के साथ समन्वय करने का कार्य करता है. हम आपके 12.06.2025 को विपक्ष के नेता राहुल गांधी को लिखे पत्र के जवाब में लिख रहे हैं, जिसमें आपने महाराष्ट्र 2024 विधानसभा चुनाव के बारे में राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी द्वारा उठाए गए मुद्दों पर चर्चा के लिए मिलने का प्रस्ताव दिया था.”

उन्होंने इसमें आगे कहा, “जैसा कि आप जानते हैं कि दिसंबर 2024 से कई पत्रों, याचिकाओं, इंडिया गठबंधन की पार्टियों के नेताओं द्वारा प्रेस कॉन्फ्रेंस, लेखों और Lok Sabha में माननीय विपक्ष के नेता के भाषणों के माध्यम से हमने 2024 महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में मतदाताओं की संख्या में अचानक और भारी वृद्धि तथा चुनाव के दिन शाम 5 बजे के बाद मतदान में अस्पष्ट वृद्धि के बारे में तथ्यात्मक मुद्दे उठाए हैं. निर्वाचन आयोग के अपने डेटा से यह पता चलता है कि मई 2024 में हुए महाराष्ट्र Lok Sabha चुनाव और नवंबर 2024 में हुए विधानसभा चुनाव के बीच जितने नए मतदाता जोड़े गए, उतने पिछले पांच वर्षों (2019 महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से 2024 Lok Sabha चुनाव तक) में नहीं जोड़े गए थे. ऐसा पहले कभी नहीं हुआ और यह सामान्य समझ और तर्क के खिलाफ है. ये नए मतदाता कौन हैं और ये कहां से आए?”

इस पत्र में पूछा गया, “महाराष्ट्र 2024 Lok Sabha और विधानसभा चुनावों की अंतिम मतदाता सूचियों की तुलना करना इस मामले की गहन जांच का पहला कदम है, जिसे कोई भी तर्कसंगत व्यक्ति स्वीकार करेगा. पिछले सात महीनों से कांग्रेस पार्टी और राहुल गांधी इन दोनों मतदाता सूचियों की डिजिटल, मशीन-पठनीय (मशीन-रीडेबल) प्रति की डिमांड कर रहे हैं ताकि सटीक तुलना की जा सके. यह आश्चर्यजनक और उलझन में डालने वाला है कि निर्वाचन आयोग ने इन दो मतदाता सूचियों को प्रदान करने के अलावा हर तरह के जवाब मीडिया में जानकारी लीक करने और बदनामी जैसे कदम उठाए हैं. आप हमारी मांग के अनुसार अंतिम मतदाता सूचियां क्यों नहीं दे रहे? इतने लंबे समय तक इस मांग से बचने के कारण हमें यह तार्किक सवाल पूछना पड़ रहा है. आपके पास ये मतदाता सूचियां हैं या नहीं? इस संदर्भ में मतदान के दिन का वीडियो फुटेज न देना और अधिक संदेह और शंका को जन्म देता है.”

ईगल ने कहा, “मतदाताओं को जोड़ने या हटाने की प्रक्रिया के लंबे-चौड़े जवाब देना, किसी राजनीतिक दल की संगठनात्मक कार्यप्रणाली पर दोषारोपण करना, या यह दावा करना कि ये मतदाता सूचियां व्यक्तिगत उम्मीदवारों को दी गई थीं, न तो उपयोगी है और न ही रचनात्मक. हम आपसे अनुरोध करते हैं कि इस पत्र की तारीख से एक सप्ताह के भीतर महाराष्ट्र और हरियाणा के मतदान के दिन की मतदाता सूचियों की मशीन-पठनीय , डिजिटल प्रति और वीडियो फुटेज प्रदान करें. यह एक लंबे समय से चली आ रही मांग है, जिसे निर्वाचन आयोग के लिए पूरा करना आसान होना चाहिए.”

उन्होंने कहा, “कांग्रेस पार्टी का नेतृत्व इन सूचियों और फुटेज के प्राप्त होने के बाद निर्वाचन आयोग से मिलने को तैयार है. उस बैठक में हम अपने विश्लेषण के निष्कर्ष भी आपके सामने प्रस्तुत करेंगे. भारत को एक संप्रभु, लोकतांत्रिक, स्वतंत्र गणराज्य बनाने में मदद करने वाली पार्टी के रूप में हम निर्वाचन आयोग के साथ सहयोग करेंगे, ताकि हमारी चुनावी प्रक्रियाओं को और मजबूत किया जा सके. इसी तरह, भारत की वैश्विक छवि को एक मजबूत लोकतंत्र के रूप में बनाए रखने के लिए यह आवश्यक है कि निर्वाचन आयोग भारत के एक अरब मतदाताओं और राजनीतिक दलों का पूर्ण विश्वास और भरोसा हासिल करे.”

एफएम/केआर