क्या भाजपा तय करेगी कि किसे ‘लव’ लिखना है और किसे नहीं : असदुद्दीन ओवैसी

अहिल्यानगर, 9 अक्टूबर . Maharashtra के अहिल्यानगर जिले में ‘आई लव मोहम्मद’ विवाद के चलते माहौल इतना बिगड़ा कि पथराव जैसी घटनाएं भी हुईं. इसी कारण, ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिममीन (एआईएमआईएम) के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी की प्रस्तावित सभा को Government ने अनुमति नहीं दी थी. हालांकि, अब ओवैसी अहिल्यानगर पहुंचे और राज्य में खराब हो रहे सामाजिक और Political माहौल पर तीखा हमला किया.

उन्होंने कहा कि राज्य में बिगड़े माहौल के पीछे भाजपा जिम्मेदार है, जो अपने Political हित साधने के लिए ऐसे हालात बनाती है.

ओवैसी ने ‘आई लव मोहम्मद’ विवाद पर कहा कि देश में लगभग 98 प्रतिशत लोग किसी एक धर्म को मानते हैं और उसे प्यार या सम्मान के साथ व्यक्त करना सामान्य है. उन्होंने सवाल उठाया कि अगर कोई इसे प्यार से व्यक्त करता है, तो इस पर नफरत या हिंसा की धारणा क्यों बनाई जाती है.

उन्होंने कहा कि किसी भी व्यक्ति की अभिव्यक्ति की आजादी पर Political दलों को निर्णय लेने का अधिकार नहीं होना चाहिए. क्या अब भाजपा तय करेगी कि किसको ‘लव’ लिखना है और किसको नहीं?

प्रदेश में बाढ़ की समस्या पर ओवैसी ने कहा कि राज्य में बाढ़ और लगातार बारिश के चलते किसानों को कर्जमाफी और मुआवजा दिया जाना चाहिए, और केवल घोषणाएं करना पर्याप्त नहीं है. उन्होंने Government की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए कहा कि जब गंभीर प्राकृतिक आपदाएं और किसानों की समस्याएं होती हैं, तब प्रशासन को त्वरित और ठोस कदम उठाने चाहिए.

इसी बीच उन्होंने चीफ जस्टिस से दुर्व्यवहार पर भी प्रतिक्रिया दी. ओवैसी ने कहा कि यह एक व्यक्ति या संस्था का अपमान नहीं है, बल्कि यह संविधान, न्याय व्यवस्था और दलित समुदाय का अपमान है. यह जातिवादी सोच को दर्शाता है.

ओवैसी ने सोनम वांगचुक से जुड़े मुद्दे पर भी Government की आलोचना की. उन्होंने कहा कि जो लोग न्याय या अधिकार मांग रहे हैं, उन्हें तुरंत पूरा किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि जब अनुच्छेद 370 हटाया गया था, तो कई प्रतिष्ठित और सम्मानित लोगों को गिरफ्तार किया गया था, जो गलत था. अगर कोई आज कुछ कह रहा है, तो वह Government की नीतियों की वजह से कह रहा है.

पीआईएम/एबीएम