रांची, 22 मार्च . विभिन्न आदिवासी संगठनों की ओर से शनिवार को बुलाए गए रांची बंद के दौरान जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया. शहर में 10 से अधिक स्थानों पर बंद समर्थकों ने सड़कें जाम कर दीं. कई इलाकों में दुकानें भी बंद करा दी गईं. जगह-जगह टायर जलाकर और सड़कों पर बल्लियां लगाकर वाहनों को रोका गया. पब्लिक ट्रांसपोर्ट और ऑटो का परिचालन कई इलाकों में नहीं हुआ. इससे लोग परेशान रहे.
करीब 40 आदिवासी संगठनों-संस्थाओं ने रांची शहर के सिरमटोली में आदिवासियों के धार्मिक महत्व वाले ‘सरना स्थल’ के पास फ्लाईओवर का रैंप हटाने की मांग को लेकर बंद बुलाया था.
शनिवार सुबह से ‘सिरमटोली बचाओ मोर्चा’ के बैनर तले आदिवासी युवा अपनी मांग को लेकर नारे लगाते और लाठी एवं पारंपरिक हथियार लहराते हुए सड़कों पर उतर आए. एयरपोर्ट जाने वाली सड़क पर शहर के हिनू चौक के पास जाम हटाने पहुंचे रांची के एसडीओ उत्कर्ष कुमार के साथ बंद समर्थक उलझ पड़े.
रांची-टाटा रोड पर लोआडीह के पास बड़ी संख्या में बंद समर्थक पहुंचे और जाम लगा दिया. मौके पर पुलिस बल के लोग मौजूद रहे, लेकिन उन्होंने जाम हटवाने की कोशिश नहीं की. कोकर चौक, कांके रोड, रातू तिलता चौका, डोरंडा बाजार, कटहल मोड़, एयरपोर्ट रोड पर भी जाम लगाया गया. दोपहिया वाहनों तक को चलने से रोका गया.
बंद बुलाने वाले मोर्चा का कहना है कि निर्माणाधीन फ्लाईओवर का रैंप ‘सरना स्थल’ के पास बनाए जाने से उनके धार्मिक आयोजन में परेशानी होगी. यह उनकी आस्था पर आघात है. इसे हटाने की मांग को लेकर चार दिन पहले मोर्चा ने रांची में मुख्यमंत्री सहित राज्य के सभी आदिवासी विधायकों और मंत्रियों की प्रतीकात्मक शवयात्रा निकालकर जोरदार प्रदर्शन किया था.
शुक्रवार की शाम को भी मशाल जुलूस निकाला गया था. बंद को देखते हुए कई स्कूलों ने पहले ही कक्षाएं स्थगित कर दी थीं. शनिवार को शहर के कई स्कूलों में सीबीएसई की परीक्षा भी थी. बंद समर्थकों ने परीक्षार्थियों के साथ-साथ जरूरी सेवाओं को छूट देने की घोषणा की थी. एंबुलेंस और दवा दुकानों को ‘बंद’ से अलग रखा गया.
शहर में विभिन्न जगहों पर मजिस्ट्रेट के साथ पुलिस बल की तैनाती रही, लेकिन बंद कराने वाले कार्यकर्ताओं को रोका नहीं गया. प्रशासन ने चेतावनी दे रखी है कि बंद समर्थकों ने कानून हाथ में लेने की कोशिश की तो सख्त कार्रवाई की जाएगी.
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एसएनसी/एबीएम