New Delhi, 30 सितंबर . गाजा में दो साल से जारी संघर्ष पर जल्द ही विराम लग सकता है. अमेरिका के President डोनाल्ड ट्रंप ने गाजा में सीजफायर के लिए एक योजना तैयार की. इस योजना को इजरायल समेत कई देशों का समर्थन मिला. हालांकि, अबतक हमास की ओर से इसे लेकर कोई प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है. 7 अक्टूबर 2023 को इजरायल पर हमास ने हमला किया था, जिसके बाद पीएम नेतन्याहू ने गाजा को नक्शे से मिटा देने की बात कही थी. ऐसे में सवाल यह उठता है कि गाजा को नक्शे से मिटाने की बात करने वाले नेतन्याहू ने आखिर अपना रुख क्यों बदल लिया?
बता दें, 7 अक्टूबर 2023 को हुए हमले के बाद इजरायल के Prime Minister बेंजामिन नेतन्याहू ने हमास को मिटाने की कसम खाई थी. उन्होंने यह भी कहा था कि अगर हमास गाजा को नहीं छोड़ता है तो इस जगह को नक्शे से मिटा देंगे. वहीं, अब नेतन्याहू गाजा में सीजफायर की बात कह रहे हैं. दरअसल, इजरायल ने गाजा में जिस तरह से तबाही मचाई, इसकी चौतरफा आलोचना हो रही है.
हाल ही में संयुक्त राष्ट्र महासभा के 80वें सत्र की बैठक हुई. इस बैठक के दौरान 170 बार इजरायल की निंदा की गई. हाल ही में गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से आंकड़े जारी किए गए. इन आंकड़ों के अनुसार 7 अक्टूबर 2023 के दिन से शुरू हुए युद्ध में अब तक 66,005 लोग मारे गए और 1,68,162 लोग घायल हुए हैं. गाजा से जो तस्वीरें सामने आई, उनमें छोटे मासूम बच्चे भी शामिल थे. यही नहीं, युद्ध की वजह से वहां के बच्चों और बूढ़ों को खाने के लिए दो वक्त की रोटी भी नसीब नहीं हो रही. पूरा क्षेत्र भुखमरी की चपेट में आ गया है और बीमार लोगों को इलाज कराने के लिए अस्पताल की सुविधाएं नहीं मिल रही. फिलिस्तीनी लोगों पर हो रही इस बर्बरता के साक्षी दुनिया के तमाम देश बन रहे हैं.
कुछ समय पहले अमेरिकी President ट्रंप ने भी कहा था कि इजरायल की छवि जिस तरह से विश्वपटल पर बन रही है, वह सही नहीं है. हाल ही में संयुक्त राष्ट्र महासभा में फिलिस्तीन को अलग देश बनाने के पक्ष में India समेत कई देशों ने वोट डाला. यूएनजीए की बैठक से इतर ब्रिक्स देशों के विदेश मंत्रियों ने भी एक बैठक की, जिसमें कई मुद्दों पर चर्चा हुई. इस दौरान इजरायल की ओर से किए जा रहे हमलों की निंदा भी की गई.
विदेश मंत्रियों ने कतर पर इजरायल के हमले की निंदा की. उनका कहना है कि यह कतर की संप्रभुता और संयुक्त राष्ट्र चार्टर सहित अंतरराष्ट्रीय कानून का गंभीर उल्लंघन है. उन्होंने कहा कि ये हमले क्षेत्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय शांति एवं सुरक्षा के लिए खतरा हैं. उन्होंने कतर पर इजरायल द्वारा किए गए सशस्त्र हमले पर हाल ही में मानवाधिकार परिषद के 60वें सत्र में 16 सितंबर 2025 को हुई बहस का भी जिक्र किया. उन्होंने एक बार फिर कानून के शासन, मानवाधिकारों, शांति और सुरक्षा को बनाए रखने की अपनी प्रतिबद्धता जताई. मंत्रियों ने फिलिस्तीन के गाजा में इजरायल के हमलों पर चिंता जाहिर की.
इजरायल के हमले क्षेत्र की नागरिक आबादी के लिए अभूतपूर्व पीड़ा का कारण बन रहे हैं. मंत्रियों ने फिलिस्तीनी लोगों को उनके कब्जे वाले क्षेत्र से विस्थापित करने के सभी प्रयासों की निंदा की. साथ ही तत्काल और स्थायी युद्धविराम के लिए अपने आह्वान को दोहराया. हर तरफ से इजरायल की कड़ी निंदा हो रही है. जो देश इजरायल के साथ खड़े थे, वे भी फिलिस्तीन की स्थिति को देखकर आलोचना कर रहे हैं. ऐसे में पीएम नेतन्याहू के तल्ख तेवर नरम पड़ते नजर आ रहे हैं.
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कनक/एएस