लैमिन यमाल फुटबॉल की दुनिया के अगले सुपरस्टार क्यों हैं?

New Delhi, 29 अक्टूबर . फुटबॉल दुनिया का सबसे लोकप्रिय खेल है. मौजूदा समय में फुटबॉल की चर्चा होते ही हमारी आंखों के सामने क्रिस्टियानो रोनाल्डो, लियोनल मेसी, नेमार, किलियन म्बाप्पे, हैरी केन, और एर्लिंग हालैंड के चेहरे आ जाते हैं. लेकिन 18 साल के एक लड़के ने फुटबॉल की दुनिया में तेजी से इन खिलाड़ियों की लोकप्रियता को चुनौती दी है, नाम है लैमिन यमाल. यमाल को फुटबॉल की दुनिया का अगला बड़ा सुपरस्टार माना जा रहा है. आइए हम बताते हैं कि आखिर 18 साल के इस लड़के को फुटबॉल की दुनिया अपने भविष्य के रूप में क्यों देख रही है?

13 जुलाई 2007 को लैमिन यमाल का जन्म बार्सिलोना, स्पेन में हुआ था. बार्सिलोना फुटबॉल का गढ़ है. इसका असर यमाल पर पड़ा और बचपन में ही उन्होंने फुटबॉलर बनने का सपना देख लिया. इसमें उनके पिता का भरपूर सहयोग मिला. मोरक्को मूल के यमाल के पिता मुनीर अपने बेटे के हर मैच में मौजूद रहते और उनका हौसलाअफजाई करते.

यमाल 7 साल की उम्र में ही अपने आयु वर्ग की बार्सिलोना की टीम में शामिल हो गए. उम्र बढ़ती गई और टीम उन्हें प्रमोट करती गई. 2023 से वह बार्सिलोना सीनियर टीम के लिए खेल रहे हैं. 2023 में ही 16 साल की उम्र में यमाल ने स्पेन के लिए डेब्यू किया था. 16 साल 57 दिन की उम्र में 2023 यूरो कप में स्पेन के लिए यमाल ने गोल किया था. स्पेन की तरफ से सबसे कम उम्र में लगाया गया ये गोल है. यूरो सेमीफाइनल खेलने वाले सबसे कम उम्र के खिलाड़ी यमाल ने फ्रांस की मजबूत रक्षा पंक्ति को भेदते हुए दर्शनीय गोल मारा था. बड़े खिलाड़ियों की रक्षा पंक्ति को भेदते हुए लगाए इस गोल ने बता दिया यमाल फुटबॉल में बड़ी पारी खेलने आए हैं.

2023 से लेकर यमाल की उपस्थिति स्पेन के लिए नियमित रूप से रही है. यमाल विंगर के तौर पर स्पेन और बार्सिलोना के लिए खेलते हैं.

यमाल जब फील्ड पर उतरते हैं, तो ऐसा बिल्कुल महसूस नहीं होता कि उनकी उम्र सिर्फ 18 साल की है. खेल में वह न सिर्फ अपनी उम्र के खिलाड़ियों से आगे हैं, बल्कि बड़े खिलाड़ियों को भी आगे बढ़कर कड़ी टक्कर देते हैं. विंगर के तौर पर खेलने वाले यमाल तकनीकी तौर पर बेहद मजबूत हैं. उन्हें उत्कृष्ट ड्रिब्लिंग, ऊर्जा और संतुलन के साथ-साथ मौके बनाने और दूर से गोल करने की क्षमता के लिए जाना जाता है. यमाल मैदान के दोनों तरफ खेलते हुए डिफेंडरों का सामना करने में सहज हैं और लंबी दूरी के कर्लिंग गोल करने के लिए जाने जाते हैं.

टीम में अपने रोल को बखूबी समझना, मौका मिलते ही गेंद को गोल पोस्ट में भेजना, टीम के खिलाड़ियों के साथ बेहतर तालमेल रखना, विपरीत परिस्थितियों में धैर्य न खोना और सबसे बड़ी बात फुटबॉल के लिए अनुशासित और हद से अधिक जुनूनी होना, कुछ ऐसे गुण हैं, जिन्हें यमाल बेहद कम उम्र में आत्मसात कर चुके हैं. मेसी और रोनाल्डो इन्हीं गुणों की वजह से पिछले डेढ़ दशक से फुटबॉल की दुनिया पर राज कर रहे हैं और इस कड़ी में अगला नाम यमाल का माना जा रहा है.

पीएके/