यूपी : क्यों सबसे जुदा हैं बसपा की यह महिला उम्मीदवार?

लखनऊ, 4 अप्रैल . बसपा ने लोकसभा चुनाव में धाराप्रवाह अंग्रेजी बोलने वाली, तेज-तर्रार और छोटे बालों वाली युवती को लालगंज की सुरक्षित सीट से मैदान में उतारा है.

बनारस हिंदू विश्‍वविद्यालय के अंग्रेजी विभाग की संकाय सदस्य इंदु चौधरी ने राजनीति में कदम रखा है, क्योंकि उन्‍हें बसपा की विचारधारा पसंद है.

वह कहती हैं, ”मैं बहुजन समुदाय के हित में काम करते हुए मायावती और कांशीराम के मिशन को जारी रखूंगी, जैसा कि मैं एक दशक से अधिक समय से करती आ रही हूं.”

बसपा ने 2019 में यह सीट जीती थी. पार्टी सांसद संगीता आज़ाद पिछले महीने भाजपा में शामिल हो गईं.

अंबेडकर नगर जिले के निकसपुर गांव में जन्‍मीं इंदु का बचपन लखनऊ की रेलवे कॉलोनी में बीता, जहां उनके पिता काम करते थे.

उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा इंटरमीडिएट स्तर तक एक पब्लिक स्कूल से पूरी की, उसके बाद उन्‍होंने लखनऊ विश्‍वविद्यालय से बीए, बीएड, एमए और पीएचडी की डिग्री ली.

डॉक्टरेट करते समय उन्हें सैनिक स्कूल में अंग्रेजी शिक्षिका के पद के लिए चुना गया. इस स्‍कूल में उन्होंने दो साल तक सेवा की. उसके बाद उन्हें बनारस हिंदू विश्‍वविद्यालय (बीएचयू) में सहायक प्रोफेसर के रूप में नियुक्त किया गया.

अपने शैक्षणिक कर्तव्यों के अलावा वह सामाजिक न्याय की आवाज बुलंद करने में सक्रिय रही हैं.

वह बहुजन नेताओं के संघर्षों के बारे में मुखर रही हैं. उन्होंने बी.आर. अंबेडकर, कांशीराम और मायावती के आदर्शों और दृष्टिकोणों पर जोर दिया है, जिसका उद्देश्य जागरूकता बढ़ाना और बहुजन मिशन के लिए समर्थन जुटाना है.

वह कहती हैं : “बहुजन आंदोलन को आगे बढ़ाने के लिए मैं कड़ी मेहनत करूंगी और ऐसा करने से मुझे कोई नहीं रोक सकता. मुझे यह मौका देने के लिए मैं बसपा अध्यक्ष की आभारी हूं.“

एमकेएस/एसजीके