पहलगाम हमले के आतंकी पकड़े क्यों नहीं गए, पाकिस्तान को सबक सिखाने में देरी क्यों? : उदित राज

नई दिल्ली, 16 मई . कांग्रेस नेता उदित राज ने पहलगाम हमले में शामिल आतंकवादियों के अब तक न पकड़े जाने पर शुक्रवार को तल्ख टिप्पणी की. उन्होंने कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम, कांग्रेस सांसद उम्मेदाराम बेनीवाल और समाजवादी पार्टी के नेता राम गोपाल यादव के हालिया बयानों पर भी टिप्पणी की.

उदित राज ने समाचार एजेंसी से बात करते हुए सवाल किया कि पहलगाम हमले के पीछे जो आतंकी थे, वे अब तक पकड़े क्यों नहीं गए? अगर सेना को स्वतंत्र रूप से कार्रवाई करने दी जाती, तो पाकिस्तान अब तक सबक सीख चुका होता. इसकी बजाय, भारत की किस्मत का फैसला अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को सौंप दिया गया, जो बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है.

उदित राज ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी. चिदंबरम द्वारा ‘इंडिया’ ब्लॉक को लेकर दिए गए बयान पर कहा, “हां, गठबंधन में कुछ कमियां हैं. लेकिन, चिदंबरम देश के सर्वश्रेष्ठ अर्थशास्त्रियों और अत्यंत विद्वान अधिवक्ताओं में गिने जाते हैं. वह एक अनुभवी नेता हैं और उन्हें गठबंधन को मजबूत करने के लिए अलग-अलग दलों से संवाद करना चाहिए.”

राजस्थान से कांग्रेस सांसद उम्मेदाराम बेनीवाल के इस बयान पर कि पहलगाम हमले में धार्मिक आधार पर टारगेटिंग के ठोस सबूत नहीं हैं, उदित राज ने असहमति जताई. उन्होंने कहा कि यह बेनीवाल की व्यक्तिगत राय है, पार्टी की नहीं. मैं उनके बयान से सहमत नहीं हूं. आतंकियों ने वाकई धर्म पूछकर निहत्थे लोगों को मारा. वे हिंदू-मुस्लिम के नाम पर समाज में बंटवारा करना चाहते थे और धर्म के आधार पर हिंसा को अंजाम दिया.

सपा सांसद राम गोपाल यादव द्वारा विंग कमांडर व्योमिका सिंह को लेकर की गई जातिसूचक टिप्पणी का समर्थन करते हुए उदित राज ने कहा, “राम गोपाल यादव ने जो कहा, वह बिल्कुल सच है. मैं खुद सोशल मीडिया पर जाति को लेकर मजाक, कार्टून और गालियों का शिकार होता हूं, और इस दर्द को मैं ही समझ सकता हूं. जब साइना नेहवाल ने टूर्नामेंट जीता था, तो सबसे ज्यादा गूगल पर उसकी जाति सर्च की गई थी. कथित सवर्ण मीडिया और बुद्धिजीवी इस पीड़ा को नहीं समझ सकते. राम गोपाल यादव ने जब सच्चाई लिखी, तो सीएम योगी और सवर्ण वर्ग के बुद्धिजीवियों को मिर्च लग गई. उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपनी ही जाति के लोगों को लगभग सभी प्रमुख पदों पर बैठा दिया है, और अपराधी उन्हें सिर्फ दूसरी जातियों में ही दिखाई देते हैं.”

पीएसके/एकेजे