डूसू चुनाव में कौन मारेगा बाजी, एबीवीपी, एनएसयूआई या फिर लेफ्ट?

नई दिल्ली, 19 सितंबर . दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) में होने वाले छात्र संघ चुनाव के लिए एबीवीपी, एनएसयूआई सहित लेफ्ट छात्र संगठन ने पूरी तैयारी कर ली है. 27 सितंबर को छात्र संघ चुनाव की चार सीटों के लिए छात्र अपने मतों का प्रयोग करेंगे.

सुबह की पाली में 8.30 से 1 बजे तक और शाम की पाली में 3 से शाम 7.30 बजे तक मतदान होगा. वोटों की गिनती 28 सितंबर को होगी. हालांकि, इस बार के छात्र संघ चुनाव में अध्यक्ष पद पर किस छात्र संगठन का कब्जा होगा, इसे लेकर छात्र संगठनों का दावा शुरू हो चुका है. एबीवीपी का दावा है कि गत वर्ष की तरह इस वर्ष भी हमारा उम्मीदवार ही अध्यक्ष पद के लिए चुना जाएगा. वहीं, एनएसयूआई भी इस बार अध्यक्ष पद जीतने की दौड़ में शामिल है. लेफ्ट छात्र संगठन भी बदलाव की बात कर रहे हैं.

वहीं, छात्र संघ चुनाव को लेकर दिल्ली विश्वविद्यालय में बहुत उत्‍साह है. चुनाव में एबीवीपी, एनएसयूआई और लेफ्ट संगठनों से जुड़े छात्र अपने उम्मीदवारों के लिए कैंपेन कर रहे हैं. कैंपेन के लिए छात्र संगठन सोशल मीडिया का भी इस्तेमाल कर रहे हैं.

बता दें कि साल 2023 में हुए छात्र संघ चुनाव में एबीवीपी ने चार सीटों में से तीन सीटों पर कब्जा किया था. अध्यक्ष, सचिव और संयुक्त सचिव पद एबीवीपी के खाते में आया था. वहीं, उपाध्यक्ष का पद एनएसयूआई के खाते में गया था.

लेफ्ट समर्थित छात्र संगठन के हिस्से में एक भी सीट नहीं जा पाई थी. हालांकि, इस बार लेफ्ट संगठन का दावा है कि यहां पर बदलाव के लिए छात्र वोट करेंगे.

एबीवीपी का दावा है कि इस बार वह छात्रसंघ के चारों पदों अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, सचिव और संयुक्त सचिव पद पर जीत का परचम फहराएगी.

एबीवीपी के मीडिया संयोजक आशुतोष सिंह ने बताया कि 20 सितंबर को एबीवीपी अपने चार उम्मीदवारों के नामों की घोषणा कर देगी. वहीं, इस सप्ताह के भीतर छात्रसंघ चुनाव को लेकर एबीवीपी अपना मैनिफेस्टो भी जारी करेगी.

सिंह का दावा है कि जिस तरह से हमने बीते एक साल में काम किया है, छात्रों के बीच रहे हैं, छात्रों के मुद्दे उठाते रहे हैं. इस बार 4-0 से जीत होगी.

बता दें कि एबीवीपी ने हाल ही में दिल्ली विश्वविद्यालय में एक पाठ्यक्रम, एक शुल्क, केंद्रीकृत हॉस्टल आवेदन फॉर्म, एससी/एसटी/ओबीसी छात्रों के लिए छात्रवृत्ति, विश्वविद्यालय स्तर पर प्लेसमेंट सेल, छात्रों के लिए रियायती मेट्रो पास, कॉलेजों में लड़कियों के लिए एनसीसी, सभी कॉलेजों में मनोवैज्ञानिक और स्त्री रोग विशेषज्ञ जैसे मुद्दों को उठाया था.

वहीं, एनएसयूआई का दावा है कि एबीवीपी की नीतियों ने दिल्ली विश्वविद्यालय में शिक्षा का स्तर गिराया है और कैंपस को छात्रों के लिए असुरक्षित बना दिया है. इस गंभीर स्थिति को देखते हुए, डूसू चुनाव में हमें अपनी जिम्मेदारी निभानी चाहिए.

एनएसयूआई ने छात्रों से अपील की है कि वे सोच-समझकर मतदान करें और एनएसयूआई को वोट देकर एक सशक्त और सुरक्षित कैंपस का निर्माण करें.

डीकेएम/