नई दिल्ली, 9 अक्टूबर . फॉर्मेट चाहे कोई भी हो, इन दिनों टीम इंडिया का परचम लहरा रहा है. वनडे विश्व कप उप-विजेता और टी20 चैंपियन भारत अब टेस्ट फॉर्मेट में भी अपनी श्रेष्ठता साबित करने का लक्ष्य बना चुका है. विश्व टेस्ट चैंपियनशिप का खिताब जीतने का इरादा बना चुकी रोहित शर्मा की अगुवाई वाली टीम इंडिया को इससे पहले बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में ऑस्ट्रेलिया से भिड़ना होगा.
पिछले दो दौरे भारत के नाम रहे, जिसकी अहम कड़ी चेतेश्वर पुजारा थे, जो इस बार टीम इंडिया के साथ नहीं होंगे. ऐसे में विराट कोहली, कप्तान रोहित शर्मा और युवा बल्लेबाज शुभमन गिल नहीं, बल्कि एक अन्य युवा खिलाड़ी टीम में मुख्य बल्लेबाज की भूमिका में नजर आ सकता है.
शानदार फॉर्म में चल रही भारतीय टीम आईसीसी विश्व टेस्ट चैंपियनशिप की रेस में अपना अभियान ऑस्ट्रेलिया में पांच मैचों की टेस्ट सीरीज के साथ खत्म करेगी. रोहित शर्मा की अगुवाई वाली टीम ऑस्ट्रेलिया रवाना होने से पहले न्यूजीलैंड के खिलाफ घरेलू मैदान पर तीन मैचों की टेस्ट सीरीज खेलेगी.
आस्ट्रेलिया के साथ पांच मैचों की टेस्ट सीरीज 22 नवंबर को पर्थ में शुरू होगी. भारत के पास ऑस्ट्रेलिया में तीन टेस्ट सीरीज जीतने वाली इस सदी की दूसरी टीम बनने का मौका होगा.
भारत ने ऑस्ट्रेलियाई धरती पर पिछला दो टेस्ट सीरीज जीता है और अब वह अपनी जीत की लय को आगे बढ़ाना चाहेगा. हालांकि, चेतेश्वर पुजारा की गैर हाजिरी में भारतीय टीम के लिए यह इतना आसान नहीं हो सकता. टीम से बाहर चल रहे इस बल्लेबाज ने भारत की दोनों सीरीज जीत में अहम भूमिका निभाई थी.
2018-19 और 2020-21 के दौरों पर पुजारा ने 2186 गेंदों का सामना करते हुए 792 रन बनाए थे. 2018/19 सीरीज में वह सबसे ज्यादा रन बनाने वाले खिलाड़ी थे. भारत ने ऑस्ट्रेलिया में अपनी पहली टेस्ट सीरीज जीती थी. चार टेस्ट में, दाएं हाथ के बल्लेबाज ने तीन शतक और एक अर्धशतक की मदद से 521 रन बनाए थे. वह उस सीरीज में 350 से ज्यादा रन बनाने वाले एकमात्र बल्लेबाज थे.
2020-21 की उस सीरीज में पुजारा ने फिर से शानदार बल्लेबाजी की. वह सीरीज में चौथे सबसे ज्यादा रन बनाने वाले खिलाड़ी रहे. चार टेस्ट में उन्होंने तीन अर्धशतकों की मदद से 271 रन बनाए.
फिलहाल, पुजारा टेस्ट टीम का हिस्सा नहीं हैं और उन्हें जल्द ही टीम में चुने जाने की संभावना नहीं है, ऐसे में टीम इंडिया के लिए ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ चुनौती आसान नहीं होगी. मगर, भारतीय टीम को काफी करीब से जानने वाले पूर्व ऑस्ट्रेलियाई दिग्गज क्रिकेटर शेन वॉटसन का मानना है कि पुजारा की कमी टीम इंडिया के लिए ज्यादा परेशानी का सबब नहीं होगी, क्योंकि उनके पास एक युवा ऑप्शन है, जिसकी शैली बेशक अलग है, लेकिन हौसला पुजारा जैसा ही है.
वॉटसन ने मंगलवार को मुंबई में अंतर्राष्ट्रीय मास्टर्स लीग के शुभारंभ के अवसर पर ईएसपीएनक्रिकइन्फो के हवाले से कहा, “मुझे नहीं लगता कि भारत की बल्लेबाजी में बहुत बदलाव आएगा. उदाहरण के लिए, जब आप पुजारा के बारे में बात करते हैं, तो वह कोई गलती नहीं करते. जबकि आपने भारत के कई ऐसे बल्लेबाजों को देखा है जो काफी हद तक ऐसे ही हैं. जैसे कि शीर्ष क्रम के बल्लेबाज यशस्वी जायसवाल, उन्होंने बहुत तेजी से रन बनाए हैं, लेकिन उन्होंने कोई गलती नहीं की है.”
शेन वॉटसन ने कहा, “उन्होंने विपक्षी टीम को अब तक बहुत कम ऐसे मौके दिए कि वे उन्हें आउट करने में सक्षम हो पाएं. मुझे लगता है कि अगर ऐसे बल्लेबाज ऑस्ट्रेलिया आकर आक्रामकता के साथ खेलें और खराब गेंदों पर टूट पड़ते हुए ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों पर दबाव बनाने की कोशिश करें, तो ऐसी स्थिति में नतीजा बहुत बदलेगा नहीं.”
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