‘मालेगांव धमाके के असली साजिशकर्ता कौन थे’, संजय निरुपम का सवाल

Mumbai , 31 जुलाई . शिवसेना नेता संजय निरुपम ने 2008 के मालेगांव विस्फोट मामले में सभी आरोपियों के बरी होने पर जांच एजेंसियों की कार्यप्रणाली और विश्वसनीयता पर सवाल उठाए. उन्होंने कहा कि अगर सभी आरोपी निर्दोष हैं, तो इन आतंकी हमलों के पीछे असली साजिशकर्ता कौन थे?

Thursday को से बातचीत के दौरान उन्होंने संदेह जताया कि क्या जांच में जानबूझकर कमजोरी बरती गई या लापरवाही हुई, जिसके कारण असली अपराधी पकड़े नहीं गए.

निरुपम ने मांग की कि उस समय के एटीएस अधिकारियों की जांच होनी चाहिए ताकि यह पता चल सके कि इतने बड़े हमलों के असली जिम्मेदार लोग क्यों नहीं पकड़े गए.

उन्होंने कांग्रेस सरकार पर ‘भगवा आतंकवाद’ का नैरेटिव बनाने का आरोप लगाया, जिसके तहत मालेगांव मामले में कुछ लोगों को गलत तरीके से फंसाया गया.

संजय निरुपम ने 7/11 ट्रेन ब्लास्ट का भी जिक्र किया, जिसमें सभी आरोपियों को हाल ही में कोर्ट ने बरी कर दिया था. निरुपम ने दोनों मामलों में आरोपियों के बरी होने पर सवाल उठाया कि इतने बड़े आतंकी हमलों के असली साजिशकर्ता कौन थे और क्या जांच में जानबूझकर कमियां छोड़ी गईं.

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर से भारत पर 25 फीसदी टैरिफ लगाने पर शिवसेना प्रवक्ता ने कहा कि अमेरिकी टैरिफ का बार-बार जिक्र हो रहा है और एक तरफ डोनाल्ड ट्रंप कह रहे हैं कि भारत के साथ बातचीत चल रही है और डील अभी फाइनल नहीं हुई है. अगर डील फाइनल नहीं हुई है, तो अचानक 25 फीसदी टैरिफ की घोषणा का कोई मतलब नहीं बनता. स्वाभाविक रूप से, यह एक ऐसा सवाल है, जिसे भारत को अमेरिका के सामने उठाना चाहिए, जब हमारे अधिकारी बातचीत कर रहे हैं और व्यापार वार्ता चल रही है, तो ऐसी एकतरफा घोषणा कैसे की जा सकती है. यह भारत-अमेरिका रिश्तों को प्रभावित कर सकता है.

शिवसेना नेता संजय निरुपम ने केंद्र सरकार के राष्ट्रीय हितों की रक्षा में सही कदम उठाने के रुख का स्वागत किया. उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा 25 फीसदी टैरिफ लगाने पर कहा कि हर देश को अपने हितों की रक्षा का अधिकार है. भारत सरकार का यह संकल्प कि वह किसानों और छोटे उद्यमियों को सुरक्षित और उचित बाजार उपलब्ध कराएगी, सराहनीय है.

डीकेएम/एबीएम