कौन हैं चिन्मय कृष्ण दास, जिनकी गिरफ्तारी पर भारत ने दी कड़ी प्रतिक्रिया

नई दिल्ली, 27 नवंबर . बांग्लादेश में चिन्मय कृष्ण दास प्रभु की गिरफ्तारी के बाद भारत की ओर से कड़ी प्रतिक्रिया आई है. भारतीय विदेश मंत्रालय ने चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी पर चिंता जताई. उन्होंने बांग्लादेश सरकार से हिंदुओं और सभी अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की अपील की है. ऐसे में जानते हैं कि चिन्मय कृष्ण दास कौन हैं, जिनकी गिरफ्तारी पर बांग्लादेश से भारत तक चर्चा हो रही है.

चंदन कुमार धर प्रकाश चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी, जिन्हें चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी के नाम से भी जाना जाता है. सनातन जागरण मंच के प्रवक्ता और अंतर्राष्ट्रीय कृष्ण भावनामृत संघ (इस्कॉन) के नेता, राजद्रोह के एक मामले में गिरफ्तारी के बाद राष्ट्रीय चर्चा का विषय बन गए हैं.

दरअसल, चिन्मय कृष्ण दास बांग्लादेश के चटगांव स्थित इस्कॉन पुंडरीक धाम के प्रमुख भी हैं. चिन्मय कृष्ण दास को बीते सोमवार को शाम 4:30 बजे हजरत शाहजलाल इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर ढाका मेट्रोपॉलिटन पुलिस की डिटेक्टिव ब्रांच (डीबी) द्वारा हिरासत में लिया गया था. मंगलवार को उन्हें कड़ी सुरक्षा के बीच चटगांव के छठे मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट काजी शरीफुल इस्लाम के समक्ष पेश किया गया. हालांकि, उनकी जमानत याचिका को खारिज कर दिया गया और उन्हें जेल भेज दिया गया. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, उन पर देशद्रोह का आरोप लगा है.

चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी के बाद बांग्लादेश में बड़े पैमाने पर विरोध-प्रदर्शन शुरू हो गए. इस प्रदर्शन को रोकने के लिए बड़े पैमाने पर आंसू गैस के गोले दागे गए और लाठीचार्ज भी किया गया, जिसमें 50 से अधिक लोग घायल हो गए. गंभीर रूप से घायलों को अस्पताल में भर्ती करवाया गया है.

इस बीच, भारतीय विदेश मंत्रालय ने चिन्मय कृष्ण दास प्रभु की गिरफ्तारी पर चिंता व्यक्त की. विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा, “हमने चिन्मय कृष्ण दास, जो बांग्लादेश सम्मिलित सनातन जागरण जोत के प्रवक्ता भी हैं. उनकी गिरफ्तारी और जमानत ना दिए जाने पर गहरी चिंता व्यक्त की है. यह घटना बांग्लादेश में चरमपंथी तत्वों द्वारा हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यकों पर कई हमलों के बाद हुई है. अल्पसंख्यकों के घरों और व्यावसायिक प्रतिष्ठानों में आगजनी और लूटपाट के साथ-साथ चोरी और तोड़फोड़ और देवताओं और मंदिरों को अपवित्र करने के कई मामले दर्ज हैं.”

उन्होंने आगे कहा, “यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि इन घटनाओं के अपराधी अभी भी खुलेआम घूम रहे हैं, लेकिन शांतिपूर्ण सभाओं के माध्यम से वैध मांगें पेश करने वाले धार्मिक नेता के खिलाफ आरोप लगाए जा रहे हैं. हम दास की गिरफ्तारी के खिलाफ शांतिपूर्ण तरीके से विरोध कर रहे अल्पसंख्यकों पर हमलों पर भी चिंता व्यक्त करते हैं. साथ ही बांग्लादेश के अधिकारियों से हिंदुओं और सभी अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने का आग्रह करते हैं, जिसमें शांतिपूर्ण सभा और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का उनका अधिकार भी शामिल है.”

एफएम/केआर