इस्लामाबाद, 17 जनवरी, (आईएएनएएस). पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की पत्नी बुशरा खान को शुक्रवार को भ्रष्टाचार के एक मामले में 7 साल की सजा सुनाई गई. उन्हें शुक्रवार को 190 मिलियन पाउंड के अल-कादिर ट्रस्ट मामले में दोषी ठहराया गया. इस मामले में पीटीआई संस्थापक को 14 साल की जेल की सजा सुनाई गई.
बुशरा रियाज वट्टो ने 2018 में शादी के बाद अपना उपनाम बदलकर खान रखा था. अगस्त 2023 में अपने पति की गिरफ्तारी के बाद से वह पीटीआई में नेतृत्व की भूमिका में आगे बढ़ रही थीं.
खान और उनके समर्थक उन्हें आम तौर पर बुशरा बीबी या बुशरा बेगम के नाम से पुकारते हैं. पीटीआई का कहना है कि दोनों अदालत के फैसले के खिलाफ अपील करेंगे.
बुशरा, ने पिछले साल हजारों पीटीआई समर्थकों के साथ सुरक्षा बैरिकेड्स को तोड़ते हुए राजधानी इस्लामाबाद में प्रवेश कर वैश्विक सुर्खियां बटोरीं.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक देश की संसद से कुछ ही दूर, उन्होंने ऐतिहासिक ‘डी-चौक’ के पास एक ट्रक की छत से भीड़ को संबोधित किया. उन्होंने खान की रिहाई तक समर्थकों से रुकने की अपील की.
बुशरा ने सार्वजनिक रैली में अपने पहले भाषण में कहा, “आप सभी को यह वादा करना होगा कि जब तक खान हमारे बीच हैं, आप नहीं जाएंगे.”
पार्टी अधिकारियों का कहना है कि पीटीआई में अपनी बढ़ती सक्रिय भूमिका पहचनाते हुए उन्होंने राजधानी के संवेदनशील, केंद्रीय स्थान पर विरोध प्रदर्शन करने पर जोर दिया जबकि खान का निर्देश था कि विरोध प्रदर्शन शहर के बाहरी इलाकों में होने चाहिए.
कई दिनों तक चली घातक झड़पों के बाद पुलिस और सुरक्षाबलों ने आधी रात छापेमारी के बाद प्रदर्शनकारी अंततः तितर-बितर हो गए. पार्टी अधिकारियों ने कहा कि बुशरा पीटीआई गढ़ खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में भाग गईं.
बुशरा और इमरान की शादी मीडिया की नजरों से दूर हुई थी. बुशरा खान की तीसरी पत्नी थी जबकि उनकी यह दूसरी शादी थी. शादी के शुरुआती दिनों में बुशरा को सार्वजनिक रूप से शायद की कभी देखा गया था. वह सार्वजनिक तौर पर हमेशा अपने चेहरे को ढंक कर रखती है.
बुशरा पंजाब में जमींदारों के परिवार से आती हैं, लेकिन उनके शुरुआती जीवन के बारे में बहुत कम जानकारी है.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक बुशरा फरीदुद्दीन मसूद गंजशकर या बाबा फरीद की भक्त हैं, जो एक प्रतिष्ठित मुस्लिम रहस्यवादी और सूफी संत हैं. बाबा फरीद की दरगाह उनके पूर्व पति के गृहनगर पंजाब के पाकपट्टन में स्थित है.
यह स्पष्ट नहीं है कि खान बुशरा से कब और कैसे मिले, लेकिन पूर्व सहयोगी औन चौधरी का कहना था कि खान उनकी आध्यात्मिकता से बहुत प्रभावित थे.
4 फरवरी 2024 को, बुशरा बीबी को उनके पति इमरान खान के साथ, स्थानीय अदालत ने इद्दत अवधि ( इस्लामी कानून में तलाक के बाद एक अनिवार्य प्रतीक्षा अवधि है) के दौरान शादी करने के लिए सात साल जेल की सजा सुनाई थी. हालाँकि कुछ महीने बाद अदालत ने इस सजा को पलट दिया.
सरकारी उपहारों की अवैध बिक्री से जुड़े एक मामले में बुशरा जेल जा चुकी हैं और करीब नौ महीने जेल में रहने के बाद उन्हें अक्टूबर में रिहा किया गया था.
शुक्रवार का अदालत का फैसला बुशरा की पीटीआई में भविष्य की भूमिका पर सवाल उठ रहे हैं. पाकिस्तान में राजनीतिक नेतृत्व अक्सर परिवारों के भीतर से ही होता है.
महिलाओं ने पाकिस्तान के अशांत राजनीतिक इतिहास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. खासतौर से हिरासत में लिए गए रिश्तेदारों, के लिए समर्थन कर जैसे कि देश की पहली महिला प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो ने किया था.
भुट्टो ने अपने पिता पूर्व राष्ट्रपति जुल्फिकार अली भुट्टो के समर्थन में मुखर रूप से आवाज उठाई थी, जिन्हें 1979 में जनरल जिया-उल-हक के सैन्य शासन के तहत कैद कर लिया गया था और बाद में उन्हें फांसी पर चढ़ा दिया गया.
राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि बुशरा पीटीआई प्रमुख के तौर पर ही व्यवहार कर रही हैं. ऐसे में उनके अगले कदम पर सबकी नजर टिकी है.
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एमके/